(ब्यूरो कार्यालय)
लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 60,244 नवनियुक्त आरक्षी नागरिक पुलिस को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। ये नियुक्तियां उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की गई हैं।
श्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि ये 60 हजार से अधिक युवा, जो प्रदेश के हर समाज, जाति, जनपद और तहसील का प्रतिनिधित्व करते हैं, अब भारत के सबसे बड़े पुलिस बल का अभिन्न हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस नई ऊंचाइयों को छू रही है।
पारदर्शिता और योग्यता पर जोर
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यह भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है और किसी भी चयनित युवा को कोई रिश्वत नहीं देनी पड़ी। उन्होंने बताया कि 48 लाख आवेदनों में से 60,244 युवा अपनी योग्यता के आधार पर चयनित हुए हैं, जिनमें 12 हजार से अधिक बेटियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले भर्तियां जाति के आधार पर होती थीं, लेकिन अब तकनीक से पारदर्शिता बढ़ी है और इसी पारदर्शिता से ये नियुक्तियां हुई हैं।
उत्तर प्रदेश: दंगा मुक्त और न्याय का शासन
श्री शाह ने कहा कि कभी दंगों का गढ़ माना जाने वाला उत्तर प्रदेश अब दंगा मुक्त हो चुका है और यहां न्याय का शासन स्थापित हुआ है। उन्होंने नवनियुक्त आरक्षियों से इस व्यवस्था को और आगे ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि 2047 में जब भारत दुनिया में पहले स्थान पर होगा, तो उसमें उत्तर प्रदेश का योगदान सर्वाधिक होगा।
डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि यह नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विगत 8 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने प्रदेश में साढ़े आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। उन्होंने प्रदेश को भय और दंगा मुक्त वातावरण प्रदान करने के साथ ही पर्यटन और निवेश के क्षेत्र में एक बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की बात कही।
स्मार्ट पुलिसिंग और नई कानून व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त आरक्षण का लाभ देते हुए और मेरिट को ध्यान में रखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2 लाख 16 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है और प्रशिक्षण क्षमता को भी बढ़ाया गया है, जिससे 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी मूल भावना दंड आधारित न होकर न्याय आधारित है और इनमें वैज्ञानिक साक्ष्य एवं तकनीक को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 8 नए फॉरेंसिक लैब संचालित हो चुके हैं और 6 नए बनाए जा रहे हैं।
पुलिसकर्मियों को संदेश
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त आरक्षियों को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रशिक्षण में जितना पसीना बहेगा, जीवन में उतना ही कम खून बहाने की नौबत आएगी।” उन्होंने पुलिस बल को संवेदनशील व्यवहार करने की सलाह दी और विश्वास व्यक्त किया कि सभी नवनियुक्त आरक्षी उत्तर प्रदेश पुलिस बल के माध्यम से प्रदेश सहित देश की बेहतरीन सेवा कर स्वयं को साबित करेंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य, जनप्रतिनिधिगण और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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