(ब्यूरो कार्यालय)
लखनऊ (साई)। यहाँ उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी गई है:
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बीजों के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए सीड पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन अभी भी प्रमाणित और संकर बीजों के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है।
मुख्य बातें:
लक्ष्य: राज्य में बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना और किसानों की आय बढ़ाना।
स्थान: नौ कृषि-जलवायु क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए पाँच सीड पार्क बनाए जाएँगे – पश्चिमी, तराई, मध्य, बुंदेलखंड और पूर्वी क्षेत्रों में।
पहला चरण: पहला सीड पार्क लखनऊ के अंटारी स्थित 130.63 एकड़ के सरकारी कृषि फार्म में स्थापित होगा, जिसकी अनुमानित लागत ₹266.70 करोड़ होगी।
फायदे: इससे बीज की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी। साथ ही, लगभग 6,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। 40,000 किसान प्रत्येक सीड पार्क से जुड़ सकेंगे।
कम आबादी वाली पंचायतों को प्रोत्साहन योजना
मंत्रिपरिषद ने 2011 की जनगणना के अनुसार 1500 तक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों के लिए ‘पंचायत प्रतिपूर्ति एवं प्रोत्साहन योजना‘ को स्वीकृति दी है।
मुख्य बातें:
कारण: कम आबादी वाली पंचायतों को केंद्र और राज्य वित्त आयोग से कम फंड मिलता है, जिससे विकास और रखरखाव के काम प्रभावित होते हैं।
योजना: जो पंचायतें अपने संसाधनों (OSR) से आय अर्जित करेंगी, उन्हें राज्य सरकार अतिरिक्त फंड देगी।
फंड: वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए ₹10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह घर बनाए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह और अन्य आयोजनों के लिए जगह की कमी को देखते हुए, सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक विवाह घर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
मुख्य बातें:
उद्देश्य: ग्रामीण आबादी को कम लागत पर मांगलिक कार्यक्रमों के लिए एक सुलभ जगह उपलब्ध कराना।
लागत: इस योजना के लिए 2025-26 के वित्तीय वर्ष में ₹100 करोड़ का प्रावधान है।
पहला चरण: पहले चरण में 71 ग्रामीण विधानसभाओं में विवाह घर बनाए जाएँगे, जिनकी अनुमानित लागत प्रति विवाह घर ₹1.41 करोड़ है।
यूपी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत 6 मामलों को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी है।
मुख्य बातें:
मंजूरी: 5 नई औद्योगिक इकाइयों को ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट‘ जारी करने और एक इकाई का नाम बदलने की सिफारिशों को मंजूरी दी गई है।
इकाइयां: जिन इकाइयों को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जाएगा उनमें जे.के. सीमेंट लिमिटेड, मून बेवरेजेस लिमिटेड, सिल्वरटन पल्प एंड पेपर प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबस स्प्रिट्स लिमिटेड और चांदपुर एंटरप्राइसेस लिमिटेड शामिल हैं।
नाम परिवर्तन: श्री सीमेंट नॉर्थ प्राइवेट लिमिटेड के नाम में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है।
अमृत-2.0 योजना में निकायों के अंश में कमी
सरकार ने ‘अटल मिशन फॉर रिजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन-2.0‘ (अमृत-2.0) योजना में नगरीय निकायों (नगरपालिकाओं) द्वारा दिए जाने वाले अंश को कम करने का फैसला किया है।
मुख्य बातें:
निर्णय: निकायों का अंश कम किया जाएगा और राज्य सरकार बाकी का खर्च उठाएगी।
फायदे: इससे योजनाएं समय पर पूरी होंगी और जनता को जल्द लाभ मिलेगा। निकायों पर वित्तीय बोझ कम होने से वे और मज़बूत होंगे।
दुग्धशाला विकास और उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन
उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास और दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन को मंजूरी दी गई है ताकि इसे उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के बराबर लाया जा सके।
मुख्य बातें:
उद्देश्य: डेयरी उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करना, रोज़गार बढ़ाना और दुग्ध उत्पादकों को बेहतर कीमतें दिलाना।
संशोधन: नए प्रावधानों के तहत, डेयरी इकाई स्थापित करने, पशु आहार बनाने, आधुनिकीकरण और कोल्ड चेन सुविधाओं के लिए पूंजीगत अनुदान की सीमा को 35% से 50% तक बढ़ाया गया है, अधिकतम ₹5 करोड़ तक।
सोलर एनर्जी: सोलर एनर्जी परियोजनाओं पर 75 केवीए तक की लागत का 50% और महिला उद्यमियों के लिए 90% अनुदान दिया जाएगा।
औद्योगिक निवेश नीति-2012 के तहत एलओसी में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने मैसर्स आरसीसीपीएल प्राइवेट लिमिटेड की रायबरेली इकाई को दिए गए ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट‘ (एलओसी) में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
मुख्य बातें:
संशोधन: कंपनी को पहले केवल पीपीसी (पोर्टलैंड पॉज़ोलाना सीमेंट) बनाने के लिए एलओसी मिला था, लेकिन अब ओपीसी (ऑर्डिनरी पोर्टलैंड सीमेंट) को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
कारण: एनआईसी और जीएसटी कोड के तहत दोनों सीमेंट उत्पादों को एक ही श्रेणी में रखा गया है।
लाभ: इस संशोधन से कंपनी को 1.10.2021 से 30.6.2023 की अवधि के लिए ₹261.33 करोड़ का फंड जारी किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन निदेशालय के संविदा कर्मचारियों का पारिश्रमिक पुनर्निर्धारित
नागरिक उड्डयन निदेशालय में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों (पायलट, विमानन इंजीनियर आदि) के पारिश्रमिक को फिर से निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

हर्ष वर्धन वर्मा का नाम टीकमगढ़ जिले में जाना पहचाना है. पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद एक बार फिर पत्रकारिता में सक्रियता बना रहे हैं हर्ष वर्धन वर्मा . . .
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