मुख्यमंत्री ने ‘कारगिल विजय दिवस’ पर शहीदों को किया नमन, परिजनों का सम्मान

(ब्यूरो कार्यालय)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कारगिल विजय दिवसके अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में वीर शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजनों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वीर जवानों ने देश की आन-बान-शान के खिलाफ दुश्मनों के दुस्साहस को हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है।

एक भारत, श्रेष्ठ भारतके संकल्प को साकार करने पर जोर

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वीर जवानों ने अपना बलिदान देकर भारत की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखा है। उन्होंने एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘, ‘समर्थ व सशक्त भारतऔर आत्मनिर्भर व विकसित भारतकी संकल्पना को साकार करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि कारगिल विजय दिवस हमें यही संदेश देता है कि जिन वीर सैनिकों ने देश को सुरक्षित रखने के लिए अपना बलिदान दिया है, उनकी प्रेरणा है कि हम सब एक रहें।

लखनऊ नगर निगम की उपलब्धि की सराहना

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लखनऊ नगर निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में तीसरा स्थान प्राप्त करने की उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि अचानक नहीं मिली है, बल्कि इसके लिए अथक परिश्रम किया गया है।

कारगिल युद्ध का स्मरण और भारतीय सेना का शौर्य

मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध को सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण बताया। उन्होंने याद किया कि मई 1999 में स्थानीय चरवाहों द्वारा घुसपैठ की सूचना मिलने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजयको आगे बढ़ाया था। 26 जुलाई 1999 को कारगिल विजय की घोषणा हुई। उन्होंने बताया कि युद्ध में पाकिस्तानी सेना ऊंचाई पर थी, लेकिन भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के सामने पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के माध्यम से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन वाजपेयी जी अमेरिका के दबाव में नहीं झुके, और अंततः पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करना पड़ा।

चुनौतियों का सामना करने वाला ही विजेता

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय का वरण वही कर सकता है, जो चुनौतियों से जुझेगा और उनका सामना करेगा। जो युद्ध नहीं लड़ेगा, चुनौती स्वीकार नहीं करेगा और पलायन का रास्ता अपनाएगा, वह कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि समाज में विद्वेष पैदा कर उसे बांटने वाले नहीं, बल्कि चुनौतियों से जूझते हुए अपना मार्ग प्रशस्त करने वाले लोग ही अपनी मंजिल प्राप्त करते हैं।

शहीदों के परिजनों को सहायता और अग्निवीरों को आरक्षण

मुख्यमंत्री ने बताया कि कारगिल युद्ध में लखनऊ के जांबाज जवान कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, कैप्टन आदित्य मिश्रा, लांस नायक केवलानन्द द्विवेदी, रायफल मैन सुनील जंग और मेजर रितेश शर्मा के योगदान को पूरा देश याद करता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार वाह्य व आंतरिक सुरक्षा में शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को प्रदेश सरकार में नौकरी प्रदान करती है। राज्य सरकार शहीद जवान के नाम पर स्मारक बनाने में भी योगदान देती है।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक जनपद में वीर सैनिकों के बलिदान के प्रतीकस्वरूप स्मारक बनने चाहिए, जिससे वर्तमान और भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि अग्निवीर के रूप में देश की सेवा में अपना योगदान देने वाले जवानों को रिटायर होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है।

ऑपरेशन सिंदूरऔर पाकिस्तान को सबक

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूरके माध्यम से अपने शौर्य व पराक्रम को प्रदर्शित किया है। उन्होंने बताया कि जिस पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों को अपना शिकार बनाया था, उसी पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारतीय सेना ने उसके आतंकी कैंपों को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि तुर्किये, चीन सहित अन्य देशों द्वारा पाकिस्तान को मदद दिए जाने के बावजूद भारत की बहादुर सेना के सामने पाकिस्तान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर होना पड़ा था।

विकसित भारत के लिए एकता आवश्यक

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर भारतीय का दायित्व है कि वह यूनिफॉर्म के प्रति सम्मान का भाव रखें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हमें विकसित भारत के सपने को साकार करना है, तो देश को जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर बांटने वाले षड्यंत्रों से सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि भारत हर कालखंड में बल, बुद्धि व विद्या में कमजोर नहीं रहा है, लेकिन जिन लोगों को समर्थ, विकसित तथा सशक्त भारत अच्छा नहीं लगता, ऐसे लोग भारत को जाति, क्षेत्र, भाषा और अन्य आधारों पर बांटकर हमारे सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर दुश्मन को प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने ऐसे तत्वों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सहानुभूति किसी गरीब या देश के प्रति नहीं, बल्कि उन घुसपैठियों के प्रति है, जो भारत के नागरिकों के हक को छीनने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब ऐसे लोग सत्ता में रहते हैं, तो परिवारवाद और जातिवाद के नाम पर समाज को बांटने का काम करते हैं।

उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी भारत इस प्रकार की प्रवृत्ति वाले तत्वों के चंगुल में फंसा है, तो उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत गुलाम इसलिए हुआ, क्योंकि उस समय कुछ ताकतें समाज को बांट रही थीं, और आज भी कुछ ताकतें देश को बांटने का कार्य कर रही हैं, जिनसे बचने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य डॉ. महेंद्र कुमार सिंह, विधायक नीरज बोरा, मुकेश शर्मा, राम चंद्र प्रधान, पवन कुमार, योगेश शुक्ला एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

आकाश कुमार

आकाश कुमार ने नई दिल्ली में एक ख्यातिलब्ध मास कम्यूनिकेशन इंस्टीट्यूट से मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद देश की आर्थिक राजधानी में हाथ आजमाने की सोची. लगभग 15 सालों से आकाश पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं और समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के मुंबई ब्यूरो के रूप में लगातार काम कर रहे हैं.समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.