कहा – श्री हनुमानगढ़ी सनातन धर्म की रक्षा और राष्ट्र गौरव का प्रतीक
(ब्यूरो कार्यालय)
लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या धाम में श्री हनुमत् कथा मण्डपम् का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री हनुमानगढ़ी केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि वह पवित्र विरासत है, जिसने युगों से सनातन धर्म की रक्षा में योद्धाभाव के साथ भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमानगढ़ी अब भक्ति, शक्ति, बुद्धि और युक्ति का संगम बन चुकी है। यह मण्डपम् पूज्य संत बाबा अभयरामदास जी महाराज की भावनाओं और सनातन संस्कृति के मूल्यों का जीवंत प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 500 वर्षों के अंधकार को दूर कर श्रीरामलला को भव्य मंदिर में विराजमान करना सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। “डबल इंजन सरकार ने डबल स्पीड से अयोध्या को उसका खोया गौरव लौटाया है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के समग्र विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यहां के सभी मार्ग 4-लेन से जुड़ चुके हैं, डबल रेलवे लाइन से रेलवे स्टेशन को जोड़ा गया है और महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी तैयार हो चुका है। इसके अलावा, निषादराज गुह्य और माता शबरी के नाम पर रैन बसेरे व भोजनालय बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने श्रीराम मंदिर निर्माण में जनसहभागिता की सराहना करते हुए कहा, “जैसे सेतुबंध में गिलहरी ने योगदान दिया था, वैसे ही हर नागरिक को इस राष्ट्र पुनर्निर्माण में भाग लेना चाहिए।”
उन्होंने सनातन धर्म की गौरवगाथा पर भी जोर देते हुए कहा कि यह धर्म कभी उपेक्षित था, पर आज यह वैश्विक मंच पर मार्गदर्शक बनने की स्थिति में है। उन्होंने कहा, “भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन यदि कोई भारत या सनातन धर्म से टकराता है, तो उसे छोड़ा भी नहीं जाता।”
पाकिस्तान पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के कारण वह अपने कुकृत्यों की सजा भुगत रहा है। भारत की सेनाओं ने इसका कड़ा प्रतिकार कर 124 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने अयोध्या के सपूत लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, नौकरी और स्मारक प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सजग रहना होगा उन लोगों से, जो छद्म वेश में देश और धर्म के विरुद्ध षड्यंत्र करते हैं। “हनुमान जी की तरह हमें अपने शत्रु को पहचानना और उचित समय पर प्रतिकार करना आना चाहिए,” उन्होंने कहा। कार्यक्रम में अनेक संत, श्रद्धालु एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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