प्रयागराज महाकुंभ: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम

(मनोज कुमार)

प्रयागराज (साई)। 13 जनवरी, 2025 से प्रयागराज में शुरू हो रहा महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। हर 12 साल में लगने वाला यह मेला गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है और लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

कुंभ के विभिन्न प्रकार:

कुंभ: हर तीन साल में होता है, सिवाय उज्जैन के।

अर्धकुंभ: हर छह साल में हरिद्वार और प्रयाग में होता है।

पूर्णकुंभ: हर बारह साल में होता है।

महाकुंभ: हर 144 साल में प्रयागराज में होता है।

2025 महाकुंभ की विशेषताएं:

अभूतपूर्व भीड़: अनुमान है कि 40 करोड़ से अधिक लोग संगम में डुबकी लगाएंगे।

विस्तृत इंतजाम: 4000 हेक्टेयर में फैला मेला क्षेत्र, 25 सेक्टरों में विभाजित, 12 किलोमीटर लंबे घाट, 1850 हेक्टेयर पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय और 1,50,000 टेंट।

योगी आदित्यनाथ का विजन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुंभ को पहले से अधिक शानदार बनाने का लक्ष्य रखा है।

महाकुंभ का महत्व:

धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में कुंभ को मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।

सांस्कृतिक महत्व: कुंभ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

आर्थिक महत्व: कुंभ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

सामाजिक महत्व: कुंभ लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।

क्यों प्रयागराज महाकुंभ को महाकुंभ कहा जाता है?

प्रयागराज में लगने वाला कुंभ इसलिए महाकुंभ कहलाता है क्योंकि:

यह सबसे पुराना और सबसे बड़ा कुंभ है।

यहां तीनों नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है।

यहां सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

हाईलाईट्स

प्रयागराज महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह लाखों लोगों के लिए आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।

योगी आदित्यनाथ : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये पहले ही बता दिया है कि इस बार का महाकुंभ पहले से ज्यादा शानदार होने वाला है। इस बार संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए 40 करोड़ से ज्यादा लोगों का जमावड़ा होगा। इस बार महाकुंभ साल 2019 के कुंभ से ज़्यादा बड़ा, ज्यादा दिव्य और भव्य होने जा रहा है।

कुंभ मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर में फैला होगा

मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा जाएगा

संगम तट से 12 किलोमीटर की लंबाई के घाट होंगे

1850 हेक्टेयर में पार्किंग सुविधा होगी

450 किमी चकर्ड प्लेट लगाएं जाएंगे

नदी के पार जाने आने के लिए 30 पांटून पुल बनेंगे

67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी

मेला क्षेत्र में बन रहे हैं 1,50,000 शौचालय

श्रद्धालुओं के रहने के लिए 1,50,000 टेंट लगाए जाएंगे

MANOJ RAO

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से मानसेवी तौर पर जुड़े हुए मनोज राव देश के अनेक शहरों में अपनी पहचान बना चुके हैं . . . समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.