नवरात्र का सातवां दिन, माता कालरात्रि के भक्तों को नहीं रहता आकाल मृत्यु का भय . . .

शुंभ, निशुंभ, रक्तबीज का वध कर माता कालरात्रि ने की थी देवताओं की रक्षा