बैंकों की सुरक्षा बढ़ाएं

 

बीते शनिवार को काठमांडू के कई एटीएम से चीनी नागरिकों की एक टीम ने जिस आसानी से करोड़ों रुपये निकाल लिए, उससे हमारे बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल पैदा होता है। देश के इस सबसे बडे़ साइबर डाके में नेपाली बैंकों को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की चपत लगने की बात कही जा रही है, जिनमें से 1.26 करोड़ से कुछ अधिक रुपये की बरामदगी भी हुई है।

पुलिस ने अब तक छह चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। यह धनराशि शनिवार की सुबह 11 बजे से दोपहर 4.30 के बीच निकाली गई। दरअसल, एक चीनी हैकर को रंगे हाथ पकड़ा गया, जिससे यह टीम हाथ लगी। ये चीनी हैकर्स शुक्रवार को काठमांडू आए थे और सोमवार को चीन की उड़ान भरने वाले थे। नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार, इन्होंने नेपाली बैंकों द्वारा जारी डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके भारत में भी कई एटीएम से रुपये निकाले हैं।

ये शातिर चोर फरार हो गए होते, अगर नाबिल बैंक के एक चौकस कर्मी ने सक्रियता न दिखाई होती। इस बैंक अधिकारी ने नोटिस किया कि इसके दो एटीएम से नकदी बिल्कुल खत्म हो गई है, जबकि एक दिन पहले ही उन दोनों में भारी रकम डाली गई थी। अमूमन शनिवार या सार्वजनिक छुट्िटयों के दिन कम ट्रांजेक्शन होते हैं, इसलिए मशीनों में काफी रकम पड़ी रहती है। ऐसे में, पुलिस वालों ने भी बैंक से सूचना मिलते ही मुस्तैदी दिखाई और इस गैंग को दबोच लिया।

इन चीनी नागरिकों ने कम से कम छह बैंकों के फर्जी वीजा कार्ड के जरिए यह रकम निकाली थी। कहा जा रहा है कि इन्होंने नेपाल इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम को हैक कर एटीएम को खाली करने के लिए मैलवेयर को इंजेक्ट कर दिया था। इस साइबर डाके की जांच की तफसील आने के बाद पुलिस को काफी काम करने पड़ेंगे। यकीनन इनके कई सहयोगी देश में होंगे। कहा जा रहा है कि मुख्य सरगना नेपाली सरहद के बाहर से इसे ऑपरेट कर रहा है। उसे हर हाल में दबोचा जाना चाहिए। हमारा बैंकिंग सुरक्षा तंत्र मैलेवेयर को न पकड़ सका, यह बहुत बड़ी सुरक्षा चूक है। (द हिमालयन टाइम्स, नेपाल से साभार)

(साई फीचर्स)