राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने वित्तीय लेन-देन खाते की पूरी जानकारी देनी चाहिए। टैक्स रिटर्न जाहिर करना चाहिए। नेताओं को अपने वादे पूरे करने चाहिए, ताकि लोग यह जान सकें कि नेताओं की जेब उनकी नीतियों के अनुरूप है या नहीं। हमारी व्यवस्था की मांग है कि सभी, और विशेष रूप से राष्ट्रपति, कानून का पालन करें। राष्ट्रपति अभियान से पहले ही और अभियान के शुरुआती चरण में भी डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वह अपने टैक्स रिटर्न को जाहिर करेंगे, लेकिन वह पीछे हट गए। अब वह तरह-तरह के असंगत बहाने बनाते हुए अपने वादे को तोड़ते रहे हैं। ट्रंप अब विशेष समिति द्वारा छह वर्ष की टैक्स रिटर्न सूचना जाहिर करने की नई मांग का सामना कर रहे हैं। हाउस वेज ऐंड मीन्स कमेटी की मांग पूरी तरह से जनहित में है। पहली और बड़ी बात यह कि लोगों को ट्रंप की वित्तीय स्थिति के बारे में जानने का अधिकार है। लोगों को जानने का अधिकार है कि ट्रंप ने कहां से कर्ज लिए हैं, किसके साथ व्यवसाय करते हैं, और किनके प्रति वह कृतज्ञ हैं?
डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रत्याशी के रूप में वार्षिक वित्त संबंधी सूचनाएं तो दी हैं, लेकिन जब वह टैक्स रिटर्न को जाहिर करेंगे, तो उनकी स्थिति का पूरा पता चलेगा। उनके पूर्व निवेश और देनदारियों का भी पता चलेगा। हालांकि टैक्स रिटर्न से भी उनकी पूरी संपत्ति का पता नहीं चलेगा। टैक्स रिटर्न में अगर कमी रही, तो उनसे आय स्रोत की भी जानकारी मांगी जा सकती है। करों के मामले में स्वर्ग माने जाने वाले देशों में अगर ट्रंप ने धन जमा कर रखा है, तो उस निवेश का भी पता चलेगा। ट्रंप बार-बार बोलते रहे हैं कि वर्ष 2017 में कांग्रेस में पारित कर कटौती से वह लाभान्वित नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि वह बहुत घाटे में रहेंगे। हालांकि यह दावा बेतुका है। वास्तव में कर कटौती की हर समीक्षा ने यही बताया है कि ट्रंप जैसे धनपति कर कटौती में प्राथमिक लाभार्थी रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगर अपनी सूचनाएं जाहिर नहीं करते हैं, तो कांग्रेस को इसके लिए जरूर दबाव बनाना चाहिए। (द न्यूयॉर्क टाइम्स, अमेरिका से साभार)
(साई फीचर्स)