शिक्षा एक समर्पण है

शिक्षक दिवस पर विशेष

(श्रीमती अल्पा शर्मा)

एक विद्यार्थी का चैतन्य अवस्था का अधिकांश समय शाला में ही व्यतीत होता है। जहां वो निर्धारित पाठ्यक्रम के अलावा जीवन की सच्ची शिक्षा प्राप्त करता है। प्रथम गुरू मॉ को माना जाता है उसके बाद की संपूर्ण शिक्षा गुरू के रूप में शिक्षक ही प्रदान करते हैं। शिक्षा से ही हमारे सोचने समझने की क्षमता विकसित होती है। प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को महान शिक्षाविद एवं पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर सर्वपल्ली राघाकृष्णन जी के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक ही वो मार्गदर्शक होता है जो हमें जीवन के कठिन पथ पर चलना सिखाता है। साल भर में शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन होता है जब हम अपने शिक्षक के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक समाज की रीढ होते हैं जो हमें हमारे पाठ्यक्रम के अलावा जीवन की सच्ची शिक्षा प्रदान करते हैं। एक शिक्षक का समर्पण लगन और मेहनत ही है जो विद्यार्थियों को सोने जैसे चमका देते हैं। शिक्षक का योगदान उसके विद्यार्थी के लिए अमूल्य होता है। शिक्षक और विद्यार्थी के सम्मान का रिश्ता अंतहीन होता है। एक विद्यार्थी कितने भी बड़े पद पर क्यों न पहुंच जाये लेकिन अपने शिक्षक को कभी नहीं भूल सकता। शिक्षक उस दीपक के समान होता है जो स्वयं जलता है लेकिन उसके विद्यार्थी प्रकाश के रूप में सफल होकर चारों ओर फैलते हैं। 

शिक्षक दिवस के इस विशेष अवसर पर मैं अपने सभी शिक्षकों को हृदय से धन्यवाद देती हॅू कि उनके दिखाये पथ पर चलते हुए मैने भी एक शिक्षक का कार्य चुना।

वैसे शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को हम महान शिक्षक, नेता, और विचारक, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय उनके सम्मान में लिया गया है। इस विशेष दिन पर स्कूलों और कॉलेजों में छात्र विभिन्न समारोहों में भाग लेते हैं, जो उनके नियमित कार्यक्रमों से अलग होते हैं। इस दिन, छात्रों द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कि भाषण, कविता पाठ, निबंध लेखन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम। इन गतिविधियों के माध्यम से छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार प्रकट करते हैं। इस लेख में हम छात्रों के लिए शिक्षक दिवस पर कुछ प्रभावशाली भाषण प्रस्तुत करेंगे, जिन्हें वे अपने स्कूल प्रतियोगिताओं और समारोहों में उपयोग कर सकते हैं और अपने शिक्षकों को सराह सकते हैं।

शिक्षक दिवस भारत में क्यों मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक प्रख्यात भारतीय दार्शनिक, शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

शिक्षक दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को मनाने के प्रस्ताव से हुई। यह प्रस्ताव उनके कुछ छात्रों और मित्रों द्वारा दिया गया था।

1962 में, जब डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति थे, उनके कुछ छात्र और मित्र उनके जन्मदिन को मनाना चाहते थे। हालांकि, डॉ. राधाकृष्णन ने एक भव्य उत्सव के लिए सहमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि उनके जन्मदिन का जश्न मनाने के बजाय, यदि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह उनके लिए गौरवपूर्ण होगा।

इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और तब से 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने और सम्मान करने के लिए समर्पित है।

(लेखिका शासकीय प्राथमिक शाला पुलिस लाईन सिवनी में प्राथमिक शिक्षिका हैं)