मोगली महोत्सव आरंभ, 72 बच्चे हुए शामिल

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। राज्य स्तरीय मोगली उत्सव का आयोजन 24 मार्च से 26 मार्च तक पेंच नेशनल पार्क टुरिया में आयोजित किया गया है। आयोजन में सहभागिता व दायित्व विभागों को सौंपे गये हैं।

कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच ने जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल के नेत्तृत्व में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में नौ जिले के प्रतिभागी शामिल हो रहे है। इसमें मंदसौर, नीमच, बड़वानी, उज्जैन, अलीराजपुर, झाबुआ, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट के प्रतिभागी शामिल हैं।

कार्यक्रम में समन्वयक वाय.एस. बघेल, हेमंत राज, पीयूष जैन, संत कुमार शर्मा, गुमान सिंह बघेल, प्रकाश तिवारी, महेश बघेल, सतेन्द्र बघेल, विपनेश जैन, सुशील भांगरे, राजेन्द्र यादव, मुकेश नेमा, विमल ठाकुर, वीरनसिंह बघेल, संजय यादव, अवधेश वर्मा, शमाशुन्निशा खान आदि शामिल हैं।

इस बार इस महोत्सव में 72 बच्चे शामिल हुए हैं जो मोगली लैंड में प्राकृतिक परिदृष्टि व जंगल के जीव जंतु का अध्ययन करेंगे। इन बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।

इसका आयोजन टुरिया के ओविल रिसोर्ट में किया गया है। रविवार को इसमें 09 जिलों के विद्यार्थियों ने पेंच नेशनल पार्क में सफारी का लुत्फ उठाया। पेंच नेशनल पार्क में भ्रमण के दौरान बच्चे उस समय रोमांचित हो उठे जब उन्हें जंगल का राजा शेर अपनी जिप्सी के सामने जंगलों में भ्रमण करते दिखायी दिया।

बच्चों के चेहरे पर एक अलग खुशी झलक रही थी कि मानो उनने जंगल का खजाना मिल गया हो। वहीं बच्चों का दूसरा समूह बाल नेचर ट्रेल के लिये वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ रवाना हुआ। जंगल में वनस्पति पेड़ – पौधे पक्षियों की आवाजें एवं उन्हें समूह के साथ देखकर पक्षी दर्शन का भी उन्होंने लुत्फ उठाया।

इस दौरान बच्चों ने जानकारी हासिल की कि किस तरह से जंगल का एक-एक पेड़ पौधा हमारे पर्यावरणीय संतुलन के लिये कितना महत्वपूर्ण है। नेचर टेªल में मकड़ियों के जाले, तितलियों का एक ओर से दूसरे ओर उड़ता हुआ दृश्य उनकी उपयोगिता का आभास कराता नजर आया।

तीसरा समूह काटेªजर हंट एवं हैबिटाइट सर्च के माध्यम से पक्षियों के रहवास कीट पतंगों का निवास एवं पर्यावरणीय पहेलियों से वन संपदा की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास बच्चों ने किया। इन सब गतिविधियों से लौट कर दोपहर में 02 बजे से जैव विविधता को पहचानने अनेंकांे प्रकार की पर्यावरण संरक्षण के लिये गतिविधियों का आयोजन किया गया। वही शाम को नन्हें मोगली मित्रांे ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोक कला एवं लोक संस्कृति की प्रस्तुति दी।