सुंगध दशमीं पर हुआ भगवान बाहुबली का महामस्ताभिषेक

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। वीर निर्माण संवत के अनुसार भादोसुदी 10वीं को भगवान शीतलनाथ का जन्म माना जाता है और यह तिथि प्रतिवर्ष पर्युषण पर्व के उत्तम सत्य धर्म के लिये माना जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत उपवास रखतीं हैं वहीं दूसरी ओर दिगंबर जैन मंदिर में इस वर्ष भी भगवान बाहुबली का महामस्ताभिषेक किया गया। इस अवसर पर शांतिधारा जयपुर से आये पं.आलोक शास्त्री भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

भगवान बाहुबली की सबसे बड़ी प्रतिमा कर्नाटक राज्य के गोमटेश्वर में विराजमान है जिसे विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा भी कहा जाता है। इस अवसर पर पं.आलोक शास्त्री ने बताया कि सत्य से ही यह संस्कार चल रहा है। सत्य के गीत गाते हुए सत्यवान की हमेशा प्रशंसा होती है। अंतिम विजय सत्य की होती है। झूठ की उम्र कम होती है। सत्य सदा लोगों को मार्ग दिखाने वाला होता है।

इस अभिषेक के दौरान पूर्व अध्यक्ष अनिल नायक, संजय नायक, पारस जैन, पवन दिवाकर, पीयूष कौशल, डॉ.अपूर्व जैन, प्रभात जैन, सेठ सुनील कुमार जैन, आनंद कुमार जैन, यशू दिवाकर, यश जैन, विशू जैन, रिंकू चौधरी, अतुल जैन, प्रसंग जैन, संजय जैन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।