परिवहन निरीक्षक सात साल से नहीं ले रहा वेतन

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। परिवहन विभाग में एक अधिकारी ने पिछले सात सालों से विभाग से वेतन नहीं लिया है। विभाग बार-बार इस अधिकारी को नोटिस देकर बैंक एकाउंट नंबर समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कह रहा है। अधिकारी की मौजूदा पदस्थापना होशंगाबाद जिले में दो माह पहले हुई थी। लेकिन, बिना बताए गायब है। अफसर के गायब होने की जब मुख्यमंत्री से शिकायत हुई तो मामले का खुलासा हुआ। मामले में अब मंत्रालय से जांच की जा रही है। इधर, ईओडब्ल्यू जबलपुर ने अफसर के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं।

परिवहन विभाग के निरीक्षक केपी अग्निहोत्री ने साल 2012 से विभाग से वेतन नहीं लिया है। विभाग अब तक कई बार इन्हें नोटिस देकर इनका बैंक एकाउंट नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी मांग चुका है। लेकिन, वो जानकारी देने के लिए ही तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि साल 2012 के पहले तक चेक से वेतन का भुगतान होता था। लेकिन इसके बाद से वेतन सीधे खाते में जमा कराया जाता है। इस वजह से उनका एकाउंट नंबर कई बार मांगा जा चुका है लेकिन वे देने को तैयार नहीं है।

पांच बार हो चुके हैं सस्पेंड

अग्निहोत्री पूरे सेवाकाल में विवादित रहे हैं। वे अब तक पांच बार सस्पेंड हो चुके हैं। इसमें अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार के मामले में चालान पेश होने, संपत्ति की जानकारी नहीं देने, राजगढ़ में हुई बस दुर्घटना समेत नौकरी से लगातार बिना बताए लंबे समय तक गायब रहने के मामले शामिल हैं। उनके खिलाफ कई विभागीय जांच भी लंबित हैं। इसके अलावा महिला से छेड़छाड़ के मामले में भी अग्निहोत्री के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जब अग्निहोत्री से उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो वो स्वीच ऑफ था।

अग्निहोत्री को पिछली बार लंबे समय तक नौकरी से गायब रहने के मामले में सस्पेंड किया था। इस मामले में उन्हें अनाधिकृत तरीके से बहाल करने के आरोप में परिवहन विभाग के तत्कालीन उप सचिव कमल नागर और बाबू आईएस मीना के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को दिए हैं। दोनों ने विभाग को गुमराह कर अग्निहोत्री को बहाल कराया है। यह निर्देश करीब एक महीने पहले दिए गए हैं। हालांकि अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वर्तमान में नागर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ओएसडी हैं। जबकि मीणा भी मंत्री राजपूत के स्टाफ में पदस्थ हैं।

मेरे खिलाफ परिवहन विभाग ने कार्रवाई कर दी लेकिन मुझे इसकी जानकारी ही आपसे मिली है। अब मैं विभाग से कार्रवाई का पूरा विवरण मागूंगा।

कमल नागर, तत्कालीन उप सचिव

अग्निहोत्री की पदस्थापना दो महीने पहले होशंगाबाद में हुई थी। लेकिन वे यहां कभी आए ही नहीं हैं। उनके निवास पर नोटिस भी चस्पा करा दिया गया है। उनकी तलाश की जा रही है। विभागीय मुख्यालय को इस बारे में जानकारी भेज दी गई है।

मनोज तेनगुरिया, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी होशंगाबाद

वेतन के लिए कई बार लिखा है लेकिन मुझे वेतन नहीं दिया जा रहा है। विभाग के अधिकारी मुझे परेशान कर रहे हैं। वो तो मैं किसी बात को मुद्दा नहीं बनाना चाहता हूं।

केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक