(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। पौधों की प्रजातियों पर भी संकट गहराता जा रहा है। यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ को शुक्रवार को अदिती वन में 32 दुर्लभ व संकटापन्न प्रजाति के पौधों का रोपण करना था। इसके लिए वन विभाग ने प्रदेशभर में इन प्रजातियों के पौधों को खोजा। इसके बावजूद 2 प्रजाति के पौधे नहीं मिले। मुख्यमंत्री व मंत्रीमंडल के सदस्यों ने 30 प्रजातियों के पौधों का ही रोपण किया। इसमें शल्यकर्णी प्रजाति के पौधे भी शामिल हैं।
इस पौधे की पत्तियों से घाव भर जाते हैं। मान्यता है कि महाभारत युद्घ के समय इसकी पत्तियों से घायलों के घाव भरे जाते थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा है कि बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम और हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्घति को जीवित रखने के लिए जंगलों को बचाना जरूरी है। हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित और सुंदर प्रदेश का निर्माण करें।
ये दुर्लभ व संकटापन्न प्रजाति के पौधे लगाए
दहिमन, शल्यकर्णी, मेंदा, सोनपाठा, गरुड़ बीजा दुर्लभ प्रजाति के पौधे हैं। इसके अलावा संवेदनशील प्रजाति के पौधों में कुंभी, केकड़, पाडर, कुल्लू, रोहिना, शीशम, धवा, सलई, भिलमा, गधा पलाश, धनकट, कुचला, अंजन, मोखा, तिन्सा, खरहर, भेड़ार, अचार, कुसुम, भुडकुट, हल्दू, खटाम्बा व बड़ प्रजाति के पौधे हैं, जिनका रोपण किया गया है।
भोपाल को ग्रीन राजधानी बनाने का संकल्प
कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को हरा भोपाल-शीतल भोपाल के तहत संभाग में किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब हरा भोपाल-शीतल भोपाल के साथ ही भोपाल को देश की ग्रीन राजधानी बनाने पर काम करेंगे। इस अभियान के तहत 11 लाख पौधे लगाने को मुख्यमंत्री ने अच्छा प्रयास बताया।