नरवाई न जलाने के संबंध में कृषकों को जागरूक किया जाये!

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं प्रशासन से अपील करना चाहता हूँ कि खेतों में नरवाई जलाने वालों से, ऐसा न किये जाने की अपील करने की बजाय अब दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाना चाहिये।

दरअसल देखने में यही आ रहा है कि प्रत्येक वर्ष आला अधिकारी ही नहीं जिला कलेक्टर भी कृषकों से नरवाई न जलाने की अपील करते हैं लेकिन उसके बाद भी कई कृषक जानते-बूझते नरवाई जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसके चलते कई स्थानों पर अग्नि की दुर्घटनाएं भी हुईं हैं लेकिन उसके बाद भी नरवाई जलाने वाले लोग बाज नहीं आ रहे हैं।

ऐसे में बेहतर होगा कि अब नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये क्योंकि यह कृत्य, खेती ही नहीं बल्कि कई बार अग्नि दुर्घटनाओं के माध्यम से मानव जीवन के लिये भी खतरा बन जाता है। अग्निशामक वाहनों को असमय ही मौके की ओर दौड़ना पड़ता है जिसके कारण गंभीर सड़क दुर्घटनाओं की आशंकाएं भी बलवती हो जाती हैं लेकिन लापरवाह कृषकों को इससे कोई लेना-देना नजर नहीं आता है और वे अपनी सुविधा के हिसाब से हानिकारक कार्य को अंजाम दे देते हैं।

नरवाई जलाना वास्तव में यदि गैर कानूनी है तो इसके आरोपी को क्या-क्या सजा से दण्डित किया जा सकता है, इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिये। इसके आरोपी के विरूद्ध क्या सजाएं तय की गयी हैं यह तो नहीं पता लेकिन ऐसे मामलों के आरोपियों को एक निश्चित समय के लिये शासकीय सहायता से तो वंचित किया ही जा सकता है। ऐसी सहायताओं में वे भी शामिल हैं जिसके तहत ओला वृष्टि या अति वृष्टि आदि के कारण चौपट हुईं फसलों के लिये बतौर मुआवजा दी जाती हैं। नरवाई जलाने वाले कृषकों को एक निश्चित समय के लिये अवश्य ही प्रतिबंधित किया जाना चाहिये।

कई बार तो देखने में यह भी आया है कि एक खेत में यदि कृषक के द्वारा नरवाई को नहीं जलाया जा रहा है लेकिन उसके बाजू वाले कृषक ने नरवाई में आग लगा दी है तो यह आग बढ़ते-बढ़ते दूसरे खेतों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। इसके कारण कई बार खड़ी फसल को भी नुकसान पहुँचता है।

वास्तव में नरवाई जलाने से भूमि को होने वाले नुकसानों के बारे में यदि कृषकों को शिविर जैसे किसी माध्यम से जागरूक किया जायेगा तो वे स्वतः ऐसा नहीं करेंगे लेकिन जानकारी के अभाव में भी कई किसान नरवाई में आग लगा देते हैं। उन्हें बताया जाना चाहिये कि नरवाई जलाने के अलावा वे अन्य किस विकल्प के माध्यम से अपना काम निपटा सकते हैं। उम्मीद है संबंधित विभाग इस संबंध में गंभीरता के साथ विचार अवश्य करेंगे।

शिवदुलारे राहंगडाले