पटाखा फोड़ते वाहनों से राहत

 

 

(शरद खरे)

सिवनी शहर के युवाओं के अंदर महानगरों की तर्ज पर कुछ नया किन्तु विकृत करने का जुनून सवार है। युवाओं के द्वारा दो पहिया वाहनों के साईलेंसर्स को मॉडीफाईड करवाया गया है। इन मॉडीफाईड साईलेंसर्स से पटाखे जैसी आवाज भी आती है। इसके अलावा इनसे कानफाड़ू शोर भी होता है।

लंबे समय से इस तरह के वाहनों से लोग परेशान हो रहे थे। रात के सन्नाटे में लोगों को डराने वाली आवाज करती चलती बाईक्स पर किसी का बस नहीं रह गया था। पुलिस अधीक्षक निवास हो या कलेक्टर बंग्ला हर जगह इस तरह के वाहनों का शोर रात में अक्सर सुनायी देता है।

गत दिवस नगर कोतवाल अरविंद जैन के द्वारा इस तरह का एक वाहन बस स्टैण्ड से छिंदवाड़ा चौक की ओर जाते देख, इसका पीछा किया गया और छिंदवाड़ा रोड बायपास पर उसे पकड़ा गया। मोटर साईकिल सवार के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी है।

इसके साथ ही साथ नगर कोतवाल अरविंद जैन के द्वारा शहर के दो पहिया वाहनों के मैकेनिकों को भी ताकीद किया गया है कि वे भी मोटर साईकिल के मूल स्वरूप में परिवर्तन न करें। इसके अलावा इस तरह के मॉडीफाईड साईलेंसर्स कतई न लगायें अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी।

दरअसल, किसी भी समस्या की जड़ में जब तक नहीं जाया जायेगा तब तक उस समस्या के हल होने की उम्मीद न के बराबर ही होती है। फौरी तौर पर तो इस तरह की कार्यवाही से समस्या कुछ समय के लिये दूर हो सकती है पर इसका स्थायी समाधान शायद न हो पाये।

अगर इस तरह के मॉडीफाईड साईलेंसर्स के शोर को रोकना है तो सबसे पहले उन मिस्त्रियों को चिन्हित किया जाना चाहिये जिनके द्वारा इन साईलेंसर्स को बदला जा रहा है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये। पुलिस के पास अपना खुफिया तंत्र होता है जिसके जरिये इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि कौन-कौन से मिस्त्री इस तरह का काम कर रहे हैं।

चौक-चौराहों पर पुलिस और यातायात पुलिस के कर्मचारी ड्यूटी देते हैं। इन कर्मचारियों को भी ताकीद किया जाना चाहिये कि अगर किसी वाहन से अपेक्षाकृत तेज आवाज आ रही हो तो उसका साईलेंसर चेक कराया जाये। इसी तरह एक-एक करके इनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।

बहरहाल, गत दिवस पटाखा फोड़ने की आवाज करने वाली बाईक पर हुई कार्यवाही के बाद अब शहर में तेज अवाज करने वाले साईलेंसर्स का शोर कुछ हद तक थमता दिख रहा है। इस तरह की कार्यवाही से एक संदेश लोगों के बीच गया है। अगर सतत रूप से कार्यवाही चलती रही तो आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।