क्यू आर कोड से मीटर रीडिंग, बिलिंग संबंधी शिकायतों में आयी कमी

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। कार्यपालन अभियंता एमपीईबी ने बताया कि प्रायः उपभोक्ताओं से शिकायतें प्राप्त होती है कि उनके यहाँ नियमित रीडिंग नहीं होती है, गलत रीडिंग ली जाती है, मीटर रीडर मौके पर नहीं पहुंचता है।

इस समस्या के निराकरण के लिये वर्तमान में उपभोक्ताओं के यहां जियो लोकेशन टैग कर क्यू. आर. कोडिंग की तकनीकी सहायता से मीटर की रीडिंग ली जा रही है, जिसमें उपभोक्ता के परिसर पर यूनिक क्यूआर कोड मीटर के बगल में लगाया जाता है, जिसे स्कैन करने के बाद ही मीटर रीडर रीडिंग ले सकेगा।

क्यू. आर. कोडिंग स्कैन करने हेतु उपभोक्ताओं के परिसर की जियो लोकेशन (जो कि पूर्व से दर्ज है) मैच करने के बाद ही रीडिंग ली जा सकेगी। इससे उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल मिलने से संतुष्टि बढ़ी है एवं विभाग को बिल संबंधी शिकायतें कम हुई हैं।

जियो लोकेशन के साथ ही उपभोक्ताओं की पूरी डिटेल

उपभोक्ताओं के वास्तविक भार, परिसर की लोकेशन, टैरिफ, उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड नंबर सर्वे के दौरान ही पूर्व में ले लिया गया है। जिसके मिलान के उपरांत ही अब रीडिंग हो रही है।

इस प्रकार सिवनी जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में क्यू.आर. कोडिंग के माध्यम से रीडिंग लेने से रीडिंग गडबड़ी संबंधी शिकायतों में 30 से 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है तथा उपभोक्ताओं का संतुष्टि प्रतिशत बढ़ा है। माह मार्च- 2023 में सिवनी जिले अंतर्गत 2.60 लाख उपभोक्ताओं में से 2.33 लाख उपभोक्ताओं के परिसर पर क्यूआर कोड स्कैन कर रीडिंग की गई जो कि लगभग 90 प्रतिशत रीडिंग हो रही है। क्यू.आर. कोडिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग संबंधी शिकायतों को शत-प्रतिशत कम करने के लिये सतत निगरानी रखी जा रही है।