आज हमाओ उपास है न…

नवरात्रि आ रही है, तो हमारे बुन्देलखण्ड में कुछ उपवास करने वाली औरतों का आहार कुछ इस तरह होता है।

पति : – का बात है आज अपने लाने रोटी नई बनायीं का..?

जो रस अकेलो काये पी रईं..?

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पत्नी : – आज हमाओ उपास है न…

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पति : – तो कछु खाओ के उसई भूखी हो.. कछु खा लेतीं?

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पत्नी : – हओ तनक फलाहार कर लओ. .

 

4-5 केला

2 अनार

3-4 सेवफल

हलुआ, साबुदान की खिचड़ी,

सिंगाड़ा की पूड़ी बस लओ है..

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भुन्सारे 1 गिलास दूध और

दो कप चाय पी लई हती..

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अब जौ मुसंबी को रस पी रये..

आज ऊपास है न, सो कछु और नईं खा सकत..

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पति : – तनक रबड़ी अबड़ी और ले लेतीं..

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पत्नी : – हओ रात के ब्यारी के बाद रबड़ी खाबी…

खाना एकइ टेम खा सकत…

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पति : – भाई भोतइ कठिन उपास है तुमाओ..

कोउ को बाप नइँ कर सकत ऐसो कठिन उपास..

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देखियो.. कमजोरी न आ जाये तुमें..

पत्नी : – जई से तो बीच बीच में

बदाम काजू फांक रये..

पति : – फिर भी…ख्याल रखियो अपनों..!!

(साई फीचर्स)