डायरिया से बचने के लिये खान-पान पर रखें ध्यान

 

 

 

गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इनमें से एक है डायरिया। दुनिया भर में इस बीमारी से हर साल लगभग 40 लाख लोगों की मौत हो जाती है। अगर आप समय पर सावधान रहें, तो इस बीमारी से बचे रह सकते हैं और इसकी गिरफ्त में आने पर जल्दी मुक्ति भी पा सकते हैं।

डायरिया या अतिसार पेट खराब होने की ऐसी स्थिति है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को दिन में कई बार पानी की तरह पतला मल आता है। इसे आम भाषा में दस्त या लूज मोशन भी कहा जाता है। डायरिया की वजह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में मौजूद पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम व पोटेशियम जैसे मिनरल्स) मल के साथ अत्याधिक मात्रा में निकल जाते हैं। इससे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन गड़बड़ा जाता है और डीहाईड्रेशन हो जाता है।

क्या हैं कारण : गर्मी के मौसम में खाना जल्दी खराब यानी संक्रमित हो जाता है। बेक्टीरिया से संक्रमित आहार खाने, तला – भुना या गरिष्ठ भोजन अधिक करने से, बासी तथा बाहर का खाना या कटे हुए फल खाने, दूषित पानी पीने, साफ – सफाई का ध्यान न रखने और एक टाइम फिक्स न करके समय – असमय खाने से अपच या बदहजमी की समस्या हो जाती है, तब शरीर भी प्रतिक्रिया करता है। इस प्रक्रिया में शरीर से पानी बाहर निकल जाता है और डायरिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

क्या हैं लक्षण : आयुर्वेद में डायरिया को त्रिदोष असंतुलन (वात, पित्त और कफ) से जोड़ कर देखा जाता है। दस्त तब होता है, जब पाचन अग्नि या जठराग्नि कमजोर होती है और भोजन पचाने की प्रक्रिया धीमी होती है।

वात डायरिया : वायु के कारण हुए दस्त सफेद रंग के व पतले आते हैं। पेट में सूजन, ऐंठन और दर्द होता है, प्यास अधिक लगती है, मुँह सूखा – सूखा हो जाता है।

पित्त डायरिया : गर्मी के मौसम में पित्त डायरिया ज्यादा होता है। इसमें पीले रंग के दस्त आते हैं। पेट में जलन होती है, पसीना आता है, उल्टियां आती हैं, बेहोशी हो सकती है।

कफ डायरिया : इसमें सफेद रंग के चिकने दस्त आते हैं। पूरे शरीर में दर्द रहता है, आलस और थकावट महसूस होती है, नींद ज्यादा आती है।

कब जायें डॉक्टर के पास : जानकारों का कहना है कि डायरिया ऐसा रोग है, जिसका पूरा ध्यान रखा जाये और कुछ ऐहतियात बरती जायें, तो घर में ही रोगी ठीक हो जाता है। अगर रोगी को दिन भर में 4-5 बार दस्त जाना पड़ रहा है, तो वह कमजोरी जरूर महसूस करेगा, लेकिन अगर वह आधे-एक घण्टे में यूरिन ठीक पास कर रहा है और सक्रिय है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। उसका उपचार घर पर ही आसानी से किया जा सकता है।

जानकारों का कहना है कि डायरिया पीड़ित व्यक्ति को बुखार हो गया है, तो इसका मतलब है कि उसे कोई न कोई बेक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन हो गया है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये। यह भी देखना होगा कि रोगी को डीहाईड्रेशन न हो रहा हो, यानी उसे बहुत ज्यादा प्यास लग रही हो।

ये डाईट हैं फायदेमंद : चावल का पानी डायरिया में काफी मदद करता है। यह हल्का होने के साथ ही साथ कार्बाेहाईड्रेट से भरपूर होता है और रोगी के लिये फायदेमंद भी। रोगी को मूंग दाल की पतली खिचड़ी दही के साथ दी जा सकती है। नीबू, दस्त में आराम पहुँचाता है। नमक और चीनी मिलाकर तैयार किया नीबू पानी डीहाईड्रेशन के खतरे को कम करता है। मिनरल्स से भरपूर नारियल पानी डायरिया पीड़ित को ठण्डक प्रदान करता है।

बरतें सावधानी : गर्मियों में एक बार में भरपेट खाने की बजाय थोड़ा – थोड़ा खायें। कम घी-तेल का हल्का भोजन करें जहाँ तक हो सके तला – भुना, मसालेदार भोजन खाने से बचें। गर्मी से राहत पाने के लिये कोल्ड ड्रिंक्स की बजाय नीबू पानी, नारियल पानी, छांछ, फलों के जूस और शर्बत आदि पीयें।

(साई फीचर्स)

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