मुझे शिकायत इस बात पर है कि नगर पालिका के द्वारा स्वच्छ सिवनी की दिशा में वास्तव में कोई विशेष प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। सिवनी ऐसा शहर है जहाँ सार्वजनिक मूत्रालयों की सर्वथा कमी है।
सिवनी शहर भी कॉम्प्लेक्स वाले शहर के रूप में पहचाना जाने लगा है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि यहाँ ऐसे कॉम्प्लेक्स की लाईन लगी हुई है जहाँ लघुशंका के लिये कोई स्थान ही रिक्त नहीं छोड़ा गया है उसका निर्माण किये जाने की बात तो दूर है। आश्चर्य की बात ये कतई नहीं है कि ऐसे कॉम्प्लेक्स के नक्शे पास कैसे हो जाते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति यह सहज ही बता सकता है कि सिवनी में नियम कायदों की कोई आवश्यकता नहीं है.. जिसके मन में जैसा आये वह वैसा निर्माण करवा सकता है।
सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों के न होने से ग्रामीण अंचलों से शहर आने वाली महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन वे अपनी व्यथा किसी से बयां नहीं कर सकतीं हैं। ढीठ के रूप में प्रसिद्धी पा चुके नगर पालिका प्रशासन के द्वारा इस दिशा में भी कोई पहल नहीं की जा रही है कि शहर में स्थान-स्थान पर सार्वजनिक मूत्रालयों की अहम आवश्यकता लंबे समय से बनी हुई है।
शहर के कर्णधार क्या ये बता सकते हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर कितने मूत्रालय ऐसे हैं जिनका उपयोग महिलाएं सहज होकर कर सकतीं हैं। सड़कों के किनारे टीन के डिब्बे रखकर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री समझने वाले क्या ये भी बता पायेंगे कि उन टीन के डिब्बों का कितना उपयोग हो रहा है। साफ-सफाई के अभाव में आम जनता तो छोड़िये क्या कोई जन प्रतिनिधि उन टीन के डिब्बेनुमा शौचालयों में प्रवेश करने का साहस भी कर पायेगा। इन डिब्बों का कोई उपयोग तो हो नहीं रहा है बल्कि उनकी आड़ लेकर लोग सड़क के ठीक किनारे ही मूत्र त्याग रहे हैं।
फुटपाथ पर ही सार्वजनिक शौचालय का रूप देकर स्थापित कर दिये गये ये टीन के डिब्बे आने-जाने वालों को नाक बंद रखने पर मजबूर कर रहे हैं। बेहतर होगा कि इन डिब्बों को हटा ही दिया जाये क्योंकि संभव है कि इन डिब्बों की खरीदी में कमीशनखोरी का खेल पूरा हो चुका होगा। अब ये डिब्बे पालिका के कर्णधारों के साथ ही साथ आम जनता के भी कोई उपयोग के नहीं रह गये हैं। इन डिब्बों को हटाकर कम से कम आम जनता को दुर्गन्ध से तो छुटकारा दिलाया ही जा सकता है।
वर्तमान परिस्थितियों को देखकर यही साबित होता है कि स्वच्छता को लेकर नगर पालिका कतई गंभीर नहीं है जिसके कारण इस शहर में जहाँ-तहाँ गंदगी पसरी हुई है जो भीषण बारिश के इन दिनों में ना-ना प्रकार की बीमारियों के लिये अनुकूल वातावरण मुहैया करा रही है।
सुल्तान अहमद

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