जिला चिकित्सालय प्रबंधन से मुझे शिकायत है जिसके द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों की सुविधाओं का कतई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
इन दिनों ग्रीष्म काल अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर हो चुका है और अब तापमान कुछ दिनों के लिये अपने उच्चतम शिखर के आसपास पहुँचने के उपरांत अब, बारिश की हलचलों की आहट मिलने लगी है। वर्षा ऋतु को वैसे भी बीमारियों का मौसम ही कहा जाता है। ऐसे में जिला चिकित्सालय पहुँचने वाले मरीजों की संख्या में अचानक तेजी से वृद्धि हुई है।
इन मरीजों के साथ उनके परिजनों का आना भी स्वाभाविक है जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रोें से आते हैं। वर्तमान की बात की जाये तो भीषण गर्मी से मरीजों को निजात दिलाये जाने के लिये कूलर की व्यवस्था तो जिला चिकित्सालय में की गयी है लेकिन वे वर्तमान में मात्र शोभा की सुपारी ही बने हुए प्रतीत हो रहे हैं। इन कूलर्स में पानी की व्यवस्था न होने के कारण वे गर्म हवा ही उगल रहे हैं जिससे इन वार्डों में भर्त्ती मरीजों की परेशानी को सहज ही समझा जा सकता है लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
मरीज को जिला चिकित्सालय में भर्त्ती तो कर लिया जाता है लेकिन उसे बिस्तर प्रदाय न किया जाकर जमीन पर लेटने को विवश कर दिया जा रहा है। आश्चर्यजनक रूप से सिवनी जिला चिकित्सालय में मरीजों को जमीन पर ही लिटाकर उपचार करने की तो जैसे परंपरा ही बन गयी है। न तो किसी अधिकारी और न ही किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा यह देखने की जहमत उठायी जाती है कि इतने बड़े जिला चिकित्सालय में जितने पलंग हैं उससे दोगुने-तीनगुने मरीज जमीन पर लेटे मिल जाते हैं।
जमीन पर लिटाये गये मरीज का परेशान होना तो स्वाभाविक ही है लेकिन उसके साथ ही साथ बिस्तर पर लेटे हुए मरीज को भी आसपास रिक्त स्थान न होने के कारण विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला चिकित्सालय सिवनी ही शायद प्रदेश का एक ऐसा चिकित्सालय होगा जहाँ एक ही बिस्तर पर दो विभिन्न रोगों से ग्रस्त मरीजों का उपचार किया जाता हो और किसी के द्वारा इस बात की चिंता न की जाती हो कि सिवनी जिला चिकित्सालय में बेड बढ़ाये जाने की नितांत आवश्यकता है।
इसी तरह वार्डों में टॉयलेट्स भी अटैच कर दिये गये हैं जिसके कारण उनसे उठने वाली बदबू सीधे वार्डों में ही फैलती रहती है। गौरतलब होगा कि मरीजों को स्वच्छ वायु की बेहद आवश्यकता होती है। ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ वायु के मध्य किसी भी रोग से ग्रसित मरीज जल्द स्वास्थ्य लाभ लेता है। ऐसे में आवश्यकता है कि वार्डों में अटैच टॉयलेट्स में एग्जास्ट फैन की पर्याप्त व्यवस्था की जाये और वे सतत चालू ही रहें लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में मरीज और उनके परिजनों के समक्ष यही परेशानी होती है कि वे वार्ड में उठ रही बदबू के संबंध में शिकायत करें भी तो किससे करें जबकि अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमानी चाल में ही चलने में व्यस्त हो। वर्षा ऋतु दस्तक देती हुई प्रतीत हो रही है। इसलिये यह ध्यान रखना होगा कि वर्षा ऋतु आरंभ होने के समय मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ौत्तरी हो सकती है इसलिये आवश्यकता इस बात की है कि जिला चिकित्सालय सिवनी में माकूल व्यवस्थाएं समय रहते बना ली जायें।
नित्यानंद बोपचे

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