मुझे जिला प्रशासन से शिकायत है जिसके द्वारा शहर के प्रमुख मार्गों के अतिक्रमण हटाये जाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इनमें भी नेहरू रोड सबसे प्रमुख है जहाँ की रोड अत्यंत संकरी हो चुकी है लेकिन अतिक्रमण विरोधी दस्ते को इस क्षेत्र में लंबे समय से कोई कार्यवाही करते हुए नहीं देखा गया है।
शहर वासियों की समझ से यह बात परे है कि जिला प्रशासन में बैठे अधिकारी जिधर मुँह उठाते हैं उधर के अतिक्रमण हटाने का फैसला किस आधार पर कर लेते हैं, उनकी प्रमुखता में आता क्या है? लोगों की समझ में यह भी नहीं आ रहा है कि ये अधिकारी क्या कभी नेहरू रोड से होकर नहीं गुजरते हैं जहाँ धन्ना सेठों के द्वारा किये गये अतिक्रमण ने नेहरू रोड को लगभग लील ही लिया है। यह भी समझ से परे ही है कि धन्ना सेठों के द्वारा किये गये अतिक्रमणों को देखकर अधिकारियों को गुस्सा क्यों नहीं आता है? क्या वजह है कि उनके गुस्से का शिकार गरीब ही बनते हैं?
जिला प्रशासन क्या यह बतायेगा कि उसके द्वारा गरीबों के द्वारा किये गये अतिक्रमण को ही आपत्तिजनक माना जाता है? आखिर क्या कारण है कि रसूखदार लोगों के अतिक्रमण को बख्श दिया जाता है। सड़क के नवीनीकरण के समय कटंगी रोड के अतिक्रमण भी इस तरह हटाये गये उसने शुक्रवारी से कटंगी नाका तक बनने वाली सड़क की निर्धारित चौड़ाई ही कम करके रख दी जो अब नव निर्माण के बाद भी लोगों के लिये परेशानी का कारण पूर्व की तरह ही बन रही है।
वास्तव में देखा जाये तो अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही एक सिरे से आरंभ की जाना चाहिये लेकिन प्रशासन के द्वारा कुछ महीनों पूर्व शिक्षण संस्थानों के आसपास के चुनिंदा अतिक्रमणों को ही हटाया गया। यहाँ भी प्रशासन के द्वारा कुछ अतिक्रमण हटा दिये गये तो कुछ को यथावत ही रहने दिया गया। लोगों के द्वारा मजे की बात यह बतायी जाती है कि प्रशासन के द्वारा कई बार बिना नाप-जोख के ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को आरंभ कर दिया जाता है। इस कार्यवाही में भी चाय-पान आदि की दुकान लगाने वालों को ही प्रमुख तौर से निशाने पर लिया जाता है।
इन दिनों संपूर्ण शहर ही अतिक्रमणकारियों के निशाने पर है लेकिन अधिकारी संपूर्ण शहर में अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही को अंजाम देने से क्यों बच रहे हैं यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है। जिला प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि उसके द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही अवश्य की जाये लेकिन उसकी शुरूआत नेहरू रोड से करते हुए लोगों की उस शिकायत को दूर करने का प्रयास किया जाये जिसके तहत लोगों में यह संदेश पहुँच चुका है कि प्रशासन के द्वारा नेहरू रोड का अतिक्रमण हटाने का प्रयास नहीं किया जाता है।
इसके साथ ही नगर पालिका को भी अपनी कार्यप्रणाली पर गौर करना चाहिये। नगर पालिका के द्वारा यदि किसी स्थान पर अतिक्रमण होते ही उसे हटा दिया जाये तो इस तरह की स्थिति ही न उत्पन्न हो जो वर्तमान में पूरे शहर में देखी जा रही है। जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि उसके द्वारा कम से कम शहर के प्रमुख मार्गों की सुध गंभीरता के साथ अवश्य ली जाये।
देवेन्द्र डहेरिया
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