अंधकार पसरा रहता है सड़कों पर

 

नगर पालिका सिवनी से मुझे शिकायत है जिसके अधीन आने वाली सड़कें रौशनी के लिये तरसते दिखती हैं। बारिश के दिनों में रात के समय शहर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था होना चाहिये लेकिन ऐसा नहीं हो सका है।

नगर पालिका के द्वारा मॉडल रोड के नाम पर एक सड़क की हालत खस्ता करके रख दी गयी है। मॉडल को चरितार्थ तो उक्त सड़क कर नहीं सकी अलीबत्ता इस मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था भी पहले से काफी दयनीय स्थिति में पहुँचती दिख रही है। इस अपूर्ण मॉडल रोड के अधिकांश हिस्से में स्ट्रीट लाईट लगी भी है तो उसे रौशन क्यों नहीं किया जाता है, इस संबंध में शायद ही कोई जानता हो।

इस मार्ग पर बहुत से काम होना शेष ही दिखते हैं। उनमें से एक है अभी तक बिजली के खंबों को न हटाया जाना। नगर पालिका के द्वारा हरे-भरे पेड़ों को तो जल्दबाजी में कटवा दिया गया लेकिन बिजली के खंबे आज भी जस के तस ही खड़े दिखायी देते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि नगर पालिका में बैठे लोग पर्यावरण के प्रति कितने जागरूक हैं कि उनके द्वारा खंबों को हटाये जाने को वरीयता न देते हुए हरे-भरे पेड़ों को ही जमींदोज करवा दिया गया।

ऐसा लगता है कि पेड़ों की उक्त बलि नाहक ही दे दी गयी, जब मॉडल रोड के प्रति प्रशासन गंभीर ही नहीं था। वरना कया कारण है कि काटे गये पेड़ों के स्थान पर अब तक नये पौधे भी नहीं लगाये गये हैं, जबकि बारिश का मौसम अब समाप्ति की ओर है। इस मामले में यदि वन विभाग की तुलना विद्युत विभाग से की जाये तो कार्यप्रणाली के मामले में विद्युत विभाग बीस ही साबित होगा जिसने खंबों को हटाने में उतनी जल्दबाजी नहीं दिखायी जितनी जल्दबाजी वन विभाग ने दिखाकर हरे-भरे पेड़ों को कटवा दिया। जन प्रतिनिधियों को भी इससे कोई लेना-देना नहीं दिखता है कि पेड़ों को कटवा कर हरा-भरा सिवनी किस तकनीक के सहारे बनाया जा सकता है।

बहरहाल प्रकाश व्यवस्था की बात करें तो बहुचर्चित मॉडल रोड पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था, अभी तक नहीं की जा सकी है। स्थापित हो चुके खंबों में करंट प्रवाहित करने में कौन सी बाधाएं सामने आ रहीं हैं, यह बात आम जनता को भी पता होना चाहिये। जनता को यह तो पता हो कि किन मापदण्डों के आधार पर जी.एन. रोड को मॉडल रोड कहा जा सकता है। पिछली नगर पालिका के कार्यकाल में आरंभ हुआ उक्त मार्ग का कार्य इतने लंबे समय के बाद भी आखिर क्यों पूर्ण नहीं किया जा सका है। नगर पालिका को गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली छोड़कर निर्माण कार्यों को ईमानदारी से पूर्ण किये जाने की महती आवश्यकता है और ऐसा तब संभव लगता है जब जिला प्रशासन नगर पालिका की विवादास्पद कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाये।

अनवर खान