आबकारी विभाग के रहते हुए भी फल-फूल रहा शराब का अवैध व्यापार!

 

सिवनी जिले में जिस तरह से चप्पे-चप्पे पर अवैध शराब उपलब्ध हो रही है और इसका सेवन भी खुलेआम किया जा रहा है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि आबकारी विभाग जब अपना काम नहीं करना चाहता है तो क्यों न इस विभाग को सिवनी जिले में बंद ही कर दिया जाये।

सिवनी जिले के ग्रामीण अंचलों की बात तो दूर की है जिला मुख्यालय और इसके आसपास के क्षेत्रों को ही ले लिया जाये तो यहाँ जगह – जगह अवैध शराब सहज रूप से लोगों को मुहैया करवायी जा रही है। सिवनी में जिस तरह से शराब का विक्रय किया जा रहा है उसे देखकर यही लगता है कि यह कार्य अब अवैध नहीं रह गया है और इसके लिये लाईसेंस लेने की आवश्यकता भी शायद नहीं रह गयी है।

खुल्लम-खुल्ला तौर पर हो रही शराब की अवैध बिक्री के कारण सिवनी का वातावरण भी प्रदूषित हुआ है। आबकारी विभाग की निष्क्रियता के कारण पुलिस को अवैध शराब की जप्ति बनाने पर विवश होना पड़ रहा है ताकि अपराधों पर लगाम लगाकर रखी जा सके। पुलिस के द्वारा अवैध शराब की जप्ति बनाने वाली खबरों से समाचार पत्र अटे पड़े हैं लेकिन आबकारी विभाग पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है।

क्या अंग्रजी, क्या देशी और क्या कच्ची, सभी तरह की शराब सिवनी में आसानी से उपलब्ध है। कहने को शराब दुकानें अवश्य स्थित हैं और वहाँ भारी भीड़ भी रहती है लेकिन जो लोग इस भीड़ से बचना चाहते हैं वे शराब दुकान न जाकर भी अपना शौक पूरा कर सकते हैं। सिवनी के ही कई वार्ड और वहाँ स्थित विभिन्न क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ के कई घरों में अवैध शराब उपलब्ध हो जाती है।

सवाल यह उठता है कि जब इतने बड़े पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री की जा रही है तो उसकी भनक आबकारी विभाग को क्यों नहीं लग पा रही है। समाचार माध्यमों से जानकारी मिलती है कि मुखबिर भी पुलिस को सूचना देकर अवैध शराब की जप्ति बनवा रहे हैं। ऐसे में फिर वही सवाल आता है कि क्या आबकारी विभाग का सूचना तंत्र पंगु हो गया है जो उसे इससे संबंधित जानकारी नहीं मिल पा रही है।

यह भी हो सकता है कि कतिपय लोगों को फायदा पहुँचाने की गरज से आबकारी विभाग ने अपने सूचना तंत्र को ही छिन्न-भिन्न करके रख दिया हो! कुल मिलाकर इस बात की जाँच अवश्य की जाना चाहिये कि सिवनी स्थित आबकारी विभाग आखिर कर क्या रहा है जो उसके रहते हुए भी जिले में शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।

जेम्स डेविड

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