बाहुबली चौक पर एक स्थायी द्वार ही बनवा दिया जाये

इस स्तंभ के माध्यम से मैं नगर पालिका प्रशासन सहित जिला प्रशासन को सलाह देना चाहता हूँ कि सिवनी के बाहुबली चौक पर एक स्थायी द्वार का निर्माण करवा दिया जाना चाहिये जिसका उपयोग बैनर पोस्टर्स आदि चिपकाने में वर्तमान की तरह भविष्य में भी निर्बाध तरीके से किया जा सकेगा!

दरअसल, इस क्षेत्र में लंबे समय से एक अस्थायी द्वार बनाकर खड़ा कर दिया गया है जिस पर मौकों के हिसाब से बैनर पोस्टर्स आदि बदलते रहते हैं। यह अस्थायी द्वारा उतना व्यवहारिक नहीं बन पड़ रहा है जिसके कारण यहाँ से गुजरने वाले वाहन चालकों ही नहीं बल्कि पैदल यात्रियों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन के द्वारा यदि बैनर पोस्टर्स को इतनी ही तवज्जो दी जाती है तो सिवनी के कई स्थान ऐसे हैं जहाँ इस तरह के स्वागत द्वार बनवाये जा सकते हैं। सघन यातायात के हिसाब से देखा जाये तो नेहरू रोड पर ही कम से कम चार से पाँच द्वार बनवाये जा सकते हैं। देखने वाली बात यही है कि यातायात को सिवनी में कतई प्राथमिकता नहीं दी गयी है इसलिये नेहरू रोड जैसे ही और भी अन्य स्थानों पर ऐसे स्थायी स्वागत द्वार बनवा दिये जाना चाहिये।

नगर पालिका प्रशासन कई वर्षों से अपनी लापरवाही का सबूत दे चुका है लेकिन अब ऐसा लगता है कि पुलिस प्रशासन के साथ ही साथ जिला प्रशासन भी उसके रंग में रंग गया है और सिवनी में व्यवस्थाओं को तिलांजलि दी जा रही है। वरना क्या कारण है कि बाहुबली चौक पर लंबे समय से एक अस्थायी द्वार है जो जिले के आला अधिकारियों की नजर में दिन में कई मर्तबा आता भी होगा, लेकिन उसे नहीं हटवाया जा रहा है।

बाहुबली चौक इतना चौड़ा नहीं है कि वहाँ विभिन्न दिशाओं के मार्गों पर डिवाईडर भी बनवाये जा सकें। इन परिस्थितियों में यातायात को जमकर बाधित करता यह स्वागत द्वार सिवनी में प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल लगाता दिखता है। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को इस बात की चिंता भी नहीं दिख रही है कि बाहुबली चौक पर लगाये गये द्वार के कारण वहाँ के सीसीटीव्ही कैमरे एक प्रकार से लगभग बंद कर दिये गये हैं। यह द्वार सीसीटीव्ही कैमरों को बाधित करने के लिये पर्याप्त माना जा सकता है लेकिन संबंधित विभागों की लापरवाही सिवनी की व्यवस्था को स्वयं ही बयां करती प्रतीत हो रही है।

ओंकार सिंह