नगर पालिका की मेहरबानी से समाप्त हो जायेंगे शहर से खेल मैदान!

 

 

मुझे शिकायत परोक्ष रूप से जिला प्रशासन से है जिसके द्वारा नगर पालिका सिवनी को अपनी मनमानी करने के लिये स्वच्छंद छोड़ दिया गया है। नगर पालिका की कारगुजारियों से सिवनी के समाचार पत्र अटे पड़े हैं लेकिन शायद ही किसी मामले में जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही की गयी हो।

नगर पालिका के द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर अपने नागरिकों को तो बख्शा नहीं जा रहा है साथ ही खिलाड़ियों पर भी उसने अपनी नजरें गड़ा दी हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि नगर पालिका के द्वारा फिल्टर मैदान को समाप्त करने की मुहिम को आरंभ कर दिया गया है।

गौरतलब होगा कि वर्तमान नगर पालिका अपने कार्यकाल में एक अदद पार्क देने की बात तो दूर है उस दिशा में विचार भी उसके द्वारा नहीं किया गया, वहीं वह अब खिलाड़ियों के लिये अभ्यास हेतु रिक्त पड़े मैदानों को भी लीलते जा रही है। ऐसा लगता है जैसे वर्तमान नगर पालिका ने निर्माण कार्यों को जारी रखने के लिये शहर के किसी भी रिक्त पड़े स्थान को न छोड़ने का बीड़ा उठा रखा है।

जिला प्रशासन को इस विषय में गंभीरता से ध्यान देते हुए नगर पालिका को समझाईश देना चाहिये कि उसके द्वारा शहर में रिक्त पड़े स्थानों को किसी भी निर्माण कार्य के नाम पर समाप्त करने का प्रयास न किया जाये। सिवनी में कोतवाली के सामने पुलिस लाईन से लगा हुआ एक विशालकाय मैदान था जहाँ खिलाड़ी हॉकी के साथ ही साथ क्रिकेट जैसे खेलों का अभ्यास किया करते थे। अभ्यास ही नहीं बल्कि इस मैदान पर पूर्व में कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा चुकी हैं।

इसी मैदान से लगा हुआ व्हालीबॉल का भी मैदान था लेकिन इस मैदान पर कमरे आदि के निर्माण ने इस मैदान को अत्यंत छोटा कर दिया है। अब स्थिति यह है कि इस मैदान पर कोई प्रतियोगिताएं आयोजित कराना संभव ही नहीं रह गया है अलबत्ता अभ्यास के लिये भी यह मैदान अत्यंत छोटा पड़ने लगा है। ठीक यही दृश्य फिल्टर मैदान के लिये बनता दिख रहा है जहाँ भविष्य में शायद ही कोई खेल हो पायें। जिला प्रशासन से अपेक्षा ही की जा सकती है कि वह गहरी निद्रा से जागे और नगर पालिका को मनमानी करने से रोके अन्यथा भविष्य में कुछ हो या न हो लेकिन शहर के अंदर से खेल मैदान पूरी तरह समाप्त ही हो जायेंगे।

अभिमन्यू शर्मा