इस स्तंभ के माध्यम से मैं जिला प्रशासन से अपील करना चाहता हूँ कि सिवनी स्थित सरकारी बस स्टैण्ड में चाय पान की कम से कम एक दुकान को रात के समय में खुला रखने दिया जाये।
इसके लिये प्रशासन चाहे तो परिवहन विभाग के माध्यम से एक दुकान कैंटीन की तर्ज पर रात में खुला रखने की व्यवस्था बना सकता है। दरअसल लंबे सफर की गाड़ियां जब सिवनी बस स्टैण्ड पर आकर रूकती हैं तो लंबे सफर पर निकले चाय पान आदि के लिये यहाँ-वहाँ भटकते दिख जाते हैं जिनके हाथ अंततः निराशा ही लगती है।
यही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्री जब लंबा सफर करके आते हैं और वे अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिये बस का इंतजार कर रहे होते हैं तब वे कई मर्तबा भूख से व्याकुल हो जाते हैं। इसके लिये उन्हें सुबह होने का ही इंतजार करना होता है जो कतई उचित नहीं कहा जा सकता है।
देर रात दुकानें खुली रहने से निश्चित तौर पर अप्रिय घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है लेकिन इस संबंध में सभी को सिर जोड़ कर निर्णय लेना होगा ताकि कानून व्यवस्था भी बनी रहे और सिवनी आने वाले यात्री परेशान भी न हों। सिवनी में 90 के दशक तक, जब सड़क परिवहन निगम अस्तित्व में था तब बस स्टैण्ड परिसर में कैंटीन का बकायदा ठेका दिया जाता था और इस कैंटीन का संचालन भी कुशलता पूर्वक किया जाता था लेकिन लगभग दो दशकों से इस स्थान पर कैंटीन का ठेका दिया जाना शायद बंद ही कर दिया गया है।
वर्तमान में स्थिति यह है कि देर रात के समय संपूर्ण सिवनी जिले में कहीं भी चाय पान की दुकान शायद ही खुली मिल पाये। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिला चिकित्सालय में कई ऐसे मरीज भी अपना उपचार करवा रहे होते हैं जिन्हें दवा की खुराक के पहले किसी खाद्य पदार्थ के सेवन की आवश्यकता होती है लेकिन उन्हें सिवनी के किसी भी स्थान से अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं जिसके कारण उन्हें स्वास्थ्यगत दीगर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आसपास के जिलों में ऐसी स्थिति नहीं है। वहाँ रेल्वे स्टेशन पर लोगों को चाय पान की सुविधा मिल जाती है लेकिन सिवनी में रेल्वे स्टेशन ही नहीं रह गया है। ऐसे में परिवहन विभाग के साथ ही साथ जिला प्रशासन से अपील है कि उसके द्वारा सिवनी में ऐसी व्यवस्था बनायी जाये ताकि रात के समय जरूरतमंदों को चाय-पान के लिये तरसना न पड़े।
अभिजीत गायकवाड़