चिड़ियाघर में तब्दील करके रख दिया है नगर पालिका ने सिवनी को!

 

उन मवेशी पालकों से मुझे शिकायत है जिनके द्वारा अपने पालतू मवेशियों को सड़क पर आवारा घूमने के लिये छोड़ दिया जाता है। इन मवेशियों के कारण सड़क हादसे घटित हो रहे हैं।

सिवनी की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों की बाढ़ सी आयी हुई है और नगर पालिका प्रशासन आँखे मूंदे बैठा दिख रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा भी नगर पालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली दुरूस्त न किये जाने के कारण लोग निराश हैं। सिवनी में घूमते आवारा मवेशी कई सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं और इनमें लोग घायल तो हो ही रहे हैं साथ ही कई जानें असमय ही मौत का शिकार हो जाती हैं।

इन मवेशियों की चहल कदमी के कारण सड़क पर चलने वाले कई राहगीर एकदम से बिदकते हैं जिसके कारण वे कई बार वहाँ से गुजर रहे वाहन की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे राहगीरों को बचाने के चक्कर में कई बार वाहन चालक स्वयं दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। देखने वाली बात यह है कि सड़क पर घूमने वाले आवारा मवेशी भले ही हर बार लोगों पर आक्रमण न करते हों पर इनसे उपजने वाला डर, लोगों को सड़क हादसे में घायल कर जाता है।

मवेशी पालकों को कम से कम इसके लिये तो बाध्य किया ही जा सकता है कि वे अपने मवेशियों पर रेडियम जैसा कोई लेप लगाकर रखें ताकि ये मवेशी रात के अंधेरे में वाहन चालकों को दूर से ही नजर आ जायें। अभी होता यह है कि सिवनी की मॉडल कही जाने वाली सड़क पर ही कई स्थानों पर अंधेरा पसरा होता है जिसके कारण सड़क पर बैठे हुए मवेशी वाहन चालकों को दूर से नजर नहीं आ पाते हैं और दुर्घटना को अंदेशा अचानक ही उत्पन्न हो जाता है।

सिवनी वासियों की समझ से परे यह बात है कि यहाँ कई अधिकारी आये और चले भी गये लेकिन किसी के भी द्वारा आवारा मवेशियों को सड़क से हटाने की दिशा में कभी कोई गंभीर पहल नहीं की गयी। शायद यही कारण है कि संपूर्ण शहर ही आवारा मवेशियों की चारागाह बनकर रह गया है।

इन मवेशियों में शामिल कुत्ते सबसे ज्यादा घातक होते हैं जो लोगों और खासकर मासूमों को काटकर जब-तब घायल कर देते हैं। सिवनी की सड़कों पर गधे रेस लगाते सहज ही दिख जाते हैं। आवारा सूअर लोगों के घरों में घुसकर गंदगी फैलाने से नहीं चूक रहे हैं। ये सूअर सब्जी मण्डी में बिक रही सब्जी पर भी अपना मुँह मारने से नहीं चूकते हैं और फिर यही सब्जी ग्राहकों को थमा दी जाती है। कुल मिलाकर नगर पालिका के द्वारा सिवनी शहर को चिड़ियाघर की तरह बना दिया गया है जहाँ तरह-तरह के जानवर, यहाँ-वहाँ विचरण करते हुए दिख जाते हैं। आवश्यकता है कि इस दिशा में ठोस पहल करते हुए नागरिकों को राहत दिलवायी जाये।

नीरज वैष्णव