(ब्यूरो कार्यालय)
कानपुर (साई)। सोने में चमक पैदा करने वाले कारीगर आजकल ज्वेलर्स का सोना गायब करने की कारीगरी सीख गए हैं। कानपुर में कारीगर पिछले दो साल में ज्वेलर्स का करीब 25 करोड़ रुपये का सोना लेकर भाग चुके हैं।
ताजा मामला फीलखाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक सोना कारीगर दो सराफा दुकानदारों का डेढ़ करोड़ रुपये का सोना लेकर भाग गया। दो साल में सोना लेकर भागने की ये चौथी वारदात है। हैरानी वाली बात ये भी है कि भागने वाले कारीगर ज्यादातर पश्चिम बंगाल के हैं। पुलिस ने पहले की घटनाओं की तरह इस बार भी सराफा दुकानदारों की शिकायत पर कारीगर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी है।
हालांकि पहले की घटनाओं में पुलिस अभी तक भागे हुए कारीगरों से पूरा जेवर बरामद नहीं कर पाई है और न ही सभी आरोपियों को पकड़ पाई है। कानपुर के बिरहाना रोड पर सिविल लाइन के रहने वाले शेख सरफराज अली की एफ ज्वेलर्स के नाम से दुकान है। इनका जेवर पिछले 4 साल से बिरहाना रोड पर रहने वाला कारीगर मानस बनाता था। वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला था, लेकिन एक हफ्ता पहले कारीगर अचानक उनका करीब 900 ग्राम सोना लेकर गायब हो गया। जब सराफा कारोबारी इसकी शिकायत करने के लिए पुलिस थाना पहुंचे तो पता चला उनका कारीगर एक और दुकानदार अजय ज्वेलर्स का भी करीब 900 ग्राम सोना ले गया है। इन दोनों दुकानदारों के सोने की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है।
पुलिस ने दोनों सराफा कारोबारियों की रिपोर्ट लिखकर कारीगर मानस की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए एक टीम पश्चिम बंगाल भी भेजी गई है। सोना पड़ गया भारी कानपुर के सराफा व्यापारियों के लिए चिंताजनक बात ये है कि उनके सोने के जेवर ज्यादातर बंगाल के रहने वाले ही कारीगर बनाते हैं और यह कारीगर पिछले 2 साल में लगातार कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इसके पहले दिसंबर 2022 में बंगाल के मिदनापुर का रहने वाला सोना कारीगर पिंटू मांझी सराफा कारोबारी सुनील अग्रवाल का डेढ़ किलो सोना लेकर भाग गया था।
इसके बाद दिसंबर 2023 में पश्चिम बंगाल के हुगली का रहने वाला सोना कारीगर प्रीतम मांझी ज्वेलर्स का कारोबार करने वाले तापस का आधा किलो सोना लेकर भाग गया इसके बाद महाराष्ट्र का रहने वाला सोना कारीगर मंगल राज लावटे कानपुर के कई सोना कारीगरों का लगभग 20 किलो सोना लेकर दिसंबर 2023 में भाग गया था। मंगल राज कानपुर में अपनी पत्नी और साले के साथ मिलकर सोना टेस्टिंग का काम करता था। उसने एक टेस्टिंग की मशीन भी लगाई थी, जिस पर विश्वास करके कई लोग उसके अपना सोना टेस्टिंग के लिए भेजते थे, लेकिन अचानक एक दिन वह कई दिनों से इकट्ठा किया सोना लेकर गायब हो गया। जिसको लेकर पुलिस की कई टीमें महाराष्ट्र भेजी गई थी वहां से उसको पकड़ कर लाया भी गया, लेकिन पुलिस पूरा सोना आज तक बरामद नहीं कर पाई।
इसके बाद फीलखाना क्षेत्र में ही दो दुकानदारों का और भी थोड़ा-थोड़ा सोना लेकर बंगाल के दो कारीगर भाग गए। इसकी शिकायत पुलिस तक पहुंची लेकिन बाद में सोना दुकानदारों ने खुद ही रिपोर्ट दर्ज कराई। कानपुर सराफा और ज्वेलर्स की बहुत बड़ी मंडी है। दुकानदारों की प्रॉब्लम ये है कि उनके सोने के जो जेवर बनाए जाते हैं उनको बनाने के कारीगर ज्यादातर पश्चिम बंगाल से ही आते हैं। वो अपनी उंगलियों की कारीगरी से सोने में डिजाइन बनाने का और तरासने का काम करते हैं, लेकिन आजकल इनमें कुछ कारीगर अपनी उंगलियों की कारीगरी दुकानदारों का जेवर लेकर भाग जाने में लगा रहे हैं।
एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव का कहना है फिरखाना क्षेत्र से दो दुकानदारों का सोना लेकर भागने वाले कारीगर मानस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उसकी तलाश के लिए टीम भी भेजी गई हैं। उनका ये भी कहना है कि पिछले दो सालों से कानपुर के दुकानदारों से कहा जा रहा है कि आपका जो भी कारीगर जेवर बनाता है, उसका वेरिफिकेशन करा लें। पुलिस को उसकी रिपोर्ट दे दें, लेकिन हर घटना के बाद दुकानदार दावा तो करते हैं कि हम कारीगरों का वेरिफिकेशन कराएंगे, लेकिन उसके बाद कोई सामने आता नहीं। कारीगरों का वेरिफिकेशन होने से उनकी पिछली हिस्ट्री पता चल जाएगी और दुकानदारों का सोना भी सुरक्षित रखने में इससे मदद मिलेगी।
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