राहुल से कांग्रेस के अंदर कौन पाना चाहता है छुटकारा…?

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। राहुल गांधी की सांसदी छिनने के बाद से देश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्षी दल इस कार्यवाही के बाद से केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं। प्रियंका गांधी, जयराम रमेश, सीएम अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम केजरीवाल, सीएम ममता बनर्जी समेत तमाम बड़े नेताओं ने एक सुर में इसे तानाशाही रवैया करार दिया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुद्दे को एक अलग ही एंगल दे दिया। बीजेपी ने पूछा कि कांग्रेस के अंदर राहुल गांधी से कौन छुटकारा पाना चाहता है? केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूछा कि क्या कांग्रेस राहुल की सदस्यता को लेकर गंभीर थी?

राहुल गांधी के सांसदी वाले मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि क्या कांग्रेस राहुल की सदस्यता को लेकर गंभीर थी? कार्रवाई के कुछ घंटों के भीतर उसने पवन खेड़ा के मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन राहुल के मामले में ऐसा नहीं किया। ठाकुर ने आगे कहा कि राहुल समझें कि कांग्रेस से अंदर कौन साजिश रच रहा है। राहुल गांधी को यह समझना होगा कि उन्हें किसने गलत राय दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि राहुल गांधी का पहले से ही असंसदीय आचरण रहा है, अहंकार इनका दिखता रहा है। क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या जानबूझकर गलत सलाह दी गई। राहुल गांधी ने पहले ही अपने पार्टी का अध्यादेश फाड़ दिया था आज उन्हीं की पार्टी में से किसी ने खेल कर दिया इन्हें पता नहीं चला।

अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के दुर्भाग्य से सांसद हूं वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी को सबसे पहले अमेठी से लोगों ने छुटकारा दे दिया और आज वायनाड की जनता ने भी उनसे छुटकारा पा लिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि मैं दुर्भाग्य से सांसद हूं। भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। जो उनको दुर्भाग्य लगता था, आज उससे भी उनके मुक्ति मिल गई। वायनाड के लोगों को भी छुटकारा मिल गया। उन्होंने राहुल पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने लंबे समय से जो लोकसभा के सदस्य हो,2009 से 2014 तक, 5 वर्षों में कभी अमेठी के लिए सवाल नहीं पूछ पाए। इतने वर्षों में मात्र 21 डिबेट्स में भाग लिया। यह अपने आप में उनके बारे में बताता है।

ठाकुर ने आगे कहा कि राहुल गांधी 7 जगह जमानत पर हैं, बार-बार झूठ बोलने, अवमानना के लिए इन्हें बेल दी गई। वे एक आदतन अपराधी हैं, इन्हें ऐसा लगता था कि देश का कानून या कोई व्यक्ति कुछ कर नहीं सकता। इनके पास माफी मांगने के लिए 3 साल लेकिन इन्होंने माफी नहीं मांगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू-गांधी परिवार अधिकारवादी और सामंती मानसिकता से ग्रसित है, उसे पता होना चाहिए कि कानून सबके लिए समान है। प्रधान ने आगे कहा कि राहुल गांधी की अयोग्यता कानून के अनुसार हुई है, जो कहता है कि सजा सुनाए जाने के समय से सदस्यता रद्द हो जाती है। कांग्रेस पार्टी और एक विशेष परिवार चाहता है कि उनके लिए अलग IPC बने, उन्हें सज़ा न हो लेकिन मैं उन्हें याद दिला दूं देश 75 साल से प्रजातंत्र अपना चुका है। आप पिछड़े समाज को गाली देंगे, अपशब्द का इस्तेमाल करेंगे ये सामंती मानसिकता का परिचायक है। हम समूह से अलग हैं क्योंकि हम एक परिवार से आते हैं। धर्मेंद प्रधान ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री जी के सरनेम के साथ अपशब्द जोड़ा था। जातिवाचक शब्द का प्रयोग करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इस आरोप पर सूरत कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ है कि भारत की कानून व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति से ऊपर कोई नहीं है।