साइलेंट वोटर कांग्रेस के पक्ष में  – कांग्रेस का दावा

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। तीन चरणों के चुनाव समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने तमाम लोकसभा क्षेत्रों से लगातार फीडबैक लेने के बाद अब आने वाले दौर में उसी अनुरूप पार्टी की रणनीति में बदलाव करने की कोशिश की है। पार्टी ने वोटिंग पैटर्न को देखते हुए अब खास सीटों पर फोकस करेगी जहां पार्टी को खुद के लिए बेहतर संभावना लग रही है।

कांग्रेस के डेटा विंग को हेड करने वाले सीनियर नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने एनबीटी से दावा किया कि अब तक तीन फेज में 20 प्रदेश की 303 सीटों पर चुनाव समाप्त हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस ने अपने स्तर जो जमीन से फीडबैक जुटाया उसके अनुसार अब तक के संकेत के अनुसार इस बार 2014 जैसी कोई लहर नहीं है जब नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को अकेले 282 सीटें मिल गई थीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ा यह संकेत है कि इस बार हर लोकसभा सीट से अलग-अलग ट्रेंड आ रहे हैं। मतलब यह देश या 29 राज्यों का चुनाव नहीं होकर 543 सीटों का चुनाव हो गया है। अत: इस बार पहले से कोई अनुमान लगाना किसी के लिए कठिन है कि यह एनडीए के पक्ष में है या यूपीए के पक्ष में। उन्होंने दावा कि सीट दर सीट अलग चुनाव होने से इस बर सारे सर्वे और अनुमान गलत सबित होंगे। साथ ही वोटिंग ट्रेंड के बारे में कांग्रेस ने दावा किया कि जहां उनके मजबूत क्षेत्र हैं वहां बेहतर वोटिंग हो रही है।

तीन चरणों के बाद प्रचार शैली में किस तरह का बदलाव कांग्रेस ला रही है? इस बारे में प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा बची हुई 200 से अधिक लोकसभा सीटों में कांग्रेस ने ऐसी सीटों की पहचान की है जहां पार्टी को अधिक फोकस करना है। उन लोकसभा सीटों के अंदर विधानसभा से लेकर बूथवार तक लोगों तक पहंचा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि भले कांग्रेस का प्रचार ऊपरी तौर पर नहीं दिख रहा है लेकिन पार्टी खासकर न्याय योजना के बारे में सीधे परिवार तक सफलतापूर्वक पहुंच रही है जो इस योजना के लाभार्थी होंगे। साइलेंट वोटर के अंडर करंट होने के दावे को खारिज करते हुए प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि यह सही है कि इस बार ऐसे वोटरों की संख्या सबसे अधिक की है। लेकिन इनका दावा है कि ये सरकार के खिलाफ हैं।

चुनाव में मोदी फैक्टर और पुलवामा-एयर स्ट्राइक के बाद उपजे राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कांग्रेस नेता का दावा है कि इसका चुनाव पर बहुत असर पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि इसका बीजेपी के कोर वोट पर ही अधिक असर है। इसके अलावा लोकल मुद्दे पर और दूसरी जरूरतों पर ही चुनाव हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां एसपी-बीएसपी का गठबंधन हैं और दूसरी तरफी बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस भी अलग से लड़ रही है, इससे किसे अधिक लाभ हो रहा है या नुकसान? प्रवीण चक्रवर्ती ने संकेत दिया है कि अब तक वोटिंग ट्रेंड से साफ है कि कांग्रेस ने एसपी-बीएसपी से अधिक बीजेपी के हिस्से के वोट अधिक लिये हैं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को पता है कि उसे क्या करना है कि वह बीजेपी को किसी तरह का लाभ नहीं लेने देगी।

उन्होंने दावा किया कि बाकी बचे दौर में पार्टी उन सीटों पर अधिक फोकस कर रही है जहां पार्टी के जीतने के अधिक संभावना है। सबसे अहम बात है कि कांग्रेस मान रही है कि अब तक के तीन दौर के चुनाव में क्षेत्रीय दलों ने उम्मीद से बेहतर किया है। दिल्ली में आप-कांग्रेस के अलग होने से बीजेपी को लाभ के मामले में प्रवीण चक्रवर्ती का मानना है कि दिल्ली में तीनों पार्टी मजबूत है और अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।