(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने वाराणसी लोकसभा सीट से अपने नामांकन को खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। तेज बहादुर ने पीएम मोदी के खिलाफ बतौर एसपी उम्मीदवार पर्चा भरा था। उनका आरोप था कि चुनाव आयोग ने मनमाने तरीके से उनका नामांकन रद्द किया। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों से इनकार करते हुए अपने फैसले को सही ठहराया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से नामांकन दाखिल किया था जिसके बाद एसपी-बीएसपी गठबंधन ने शालिनी यादव की जगह उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ से बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर जवाब देने को कहा गया था। तेज बहादुर से नोटिस में कहा गया था कि वह बीएसएफ से एनओसी लेकर आएं, जिसमें यह साफ किया गया हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था।
एनओसी पेश न कर पाने पर 1 मई को रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके नामांकन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि, तेज बहादुर की दलील थी कि उन्हें अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था न कि भ्रष्टाचार के लिए।

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