(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। प्रदेश में काँग्रेस सरकार बनने के बाद पहली बार केंद्र से टकराव की नौबत आ गयी है। किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिये सरकार ने जय किसान समृद्धि योजना लागू कर गेहूँ पर 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। इस पर केंद्र सरकार को आपत्ति है।
उसने प्रोत्साहन राशि को बोनस माना है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी में बोनस देना केंद्र और राज्य के बीच हुए करार के खिलाफ है। इसके आधार पर भारतीय खाद्य निगम ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सालाना लगने वाले गेहूँ से ज्यादा लेने से इन्कार कर दिया है। खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि इस बारे में हमने अपना पक्ष रख दिया है। किसानों के हित में न्याय संगत कदम उठाया गया है।
प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले जय किसान समृद्धि योजना के माध्यम से गेहूँ उत्पादक किसानों को 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि खेती की लागत बढ़ गयी है। पिछले साल भी दो हजार रूपये क्विंटल गेहूँ के किसानों को मिले थे।
इसमें 265 रूपये की प्रोत्साहन राशि तत्कालीन शिवराज सरकार ने दी थी। इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 01 हजार 840 रूपये हो गया है। इसके ऊपर 160 रूपये राज्य सरकार देगी। केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय खाद्य निगम प्रोत्साहन राशि को बोनस के रूप में ले रही है।
उसने एक अप्रैल को पत्र लिखकर कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच 23 अगस्त 2016 में करार हुआ था। इसमें साफ था कि समर्थन मूल्य के ऊपर कोई बोनस नहीं दिया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य योजना में लगने वाले गेहूँ के अलावा सेंट्रल पूल में नहीं लिया जायेगा।
प्रदेश सरकार ने 160 रूपये समर्थन मूल्य के ऊपर देने का निर्णय किया है, इसलिये जो वार्षिक आवंटन 2019-20 के लिये जारी किया गया है, उसके ऊपर का गेहूँ नहीं लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि खाद्य विभाग का अनुमान है कि इस बार एक करोड़ मीट्रिन टन गेहूँ की खरीदी हो सकती है।
इस मामले में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग केंद्र सरकार के साथ लगातार संवाद कर रहा है पर कोई सकारात्मक नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है। खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि प्रोत्साहन राशि खरीदी केंद्रों के अलावा मण्डी में होने वाली खरीद पर देना तय किया है। सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाया है, जिसे केंद्र सरकार ब्रेक करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम लगातार केंद्र सरकार से इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं।