(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज हो गई है। इस मामले में 5 अलग-अलग जगह एफआईआर दर्ज हुई है।
यह सभी एफआईआर कई विभागों समेत 7 कंपनियों के डायरेक्टर, सरकारी कर्मचारी, अफसर और अज्ञात राजनीतिज्ञों के खिलाफ की गई है। हाल ही में आयकर छापे के बाद कमलनाथ सरकार की तरफ से हुई इस कार्रवाई को काफी अहम माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश में जल निगम, पीडब्ल्यूडी, एमपी रोड डवलपमेंट, वाटर रिसोर्स के साथ ही 7 कंपनियों के डायरेक्टर, सरकारी कर्मचारी, अफसर और अज्ञात राजनीतिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी 420, 468, 471, 120बी, आईटी एक्ट 66, पीसी एक्ट 7 (सी), 13 (2) धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
3000 करोड़ का है यह घोटाला
ई-टेंडर में छेड़छाड़ होने के मामले में ईओडब्ल्यू बुधवार को FIR दर्ज कर सकती है। यह खबर पत्रिका ने पहले ही प्रकाशित कर दी थी। यह FIR केन्द्र सरकार की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Cert) की रिपोर्ट के आधार पर ओस्मो कंपनी के संचालकों के साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। इसके जरिए भाजपा सरकार में ताकतवर रहे नौकरशाहों से लेकर मंत्रियों को घेरने की भी तैयारी है।
चुनाव से पहले घोटाले का पर्दाफाश
सूत्रों का कहना है कि पीएचई, पीडब्ल्यूडी और जल संसाधन विभाग में 3000 करोड़ के ई-टेंडर में छेड़छाड़ के मामले में FIR दर्ज होने के बाद संबंधित विभाग में पदस्थ रहे प्रमुख सचिव से लेकर तत्कालीन मंत्रियों से भी पूछताछ होगी। ईओडब्ल्यू को ई-टेंडर में छेड़छाड़ के बाद ठेका लेने वाली बड़ी कंपनियों के संचालकों से महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं। संभावना जताई जा रही है कि एफआईआर के बाद इन्हीं सबूतों पर संबंधित लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।
सर्ट ने ईओडब्ल्यू को जनवरी 2019 में रिपोर्ट सौंपी थी। इसके अनुसार टेंडरों में छेड़छाड़ करके उनके रेट बदले गए थे। इसके बाद उन्हें फिर से ई-पोर्टल पर चढ़ाया गया था। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि टेंडर में छेड़छाड़ के लिए एयरटेल नेटवर्क का उपयोग किया गया था। आईपी एड्रेस ओस्मो आईटी सोल्यूशन कंपनी के कम्प्यूटर और उसके संचालकों के फोन से मैच हुए हैं।
पोर्टल टेस्टिंग के लिए दिया था पासवर्ड
ई-टेंडर पोर्टल बनाने वाली एंटारेस कंपनी का कहना है कि हमने ई-टेंडर पोर्टल की परफार्मेंस टेस्टिंग का काम ओस्मो आईटी सोल्यूशन को दिया था। इसके लिए ओस्मो को लॉगिन करने आईडी-पासवर्ड दिया था। हमने ओस्मो को बीच में ही हटा दिया, लेकिन कंपनी को दिए गए लॉगिन आईडी और पासवर्ड बंद करना भूल गए। उसी का दुरुपयोग कर ओस्मो ने हजारों करोड़ के टेंडर में छेड़छाड़ की है

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