संभाग के 140 स्कूल चिन्हित, सिवनी में कितने पता नहीं!
(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा का स्तर सुधारने के लिये प्रदेश के एक हजार स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी कर रहा है। एमपी बोर्ड के कई स्कूलों में पहले से अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
वहीं विभाग के पास उम्दा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही पर्याप्त स्टॉफ भी उपलब्ध है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी पढ़ायी आरंभ करने पर काम कर रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक साल में प्रदेश के चयनित 1000 स्कूलों में शुरुआत होगी।
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसके लिये सीबीएसई की तर्ज पर पाठ्यक्रम लागू किया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग तैयारियों में जुटा है और शिक्षकों का प्रशिक्षण भी पूरा हो चुका है। इसके तहत एनसीईआरटी की किताबों को भी कुछ कक्षाओं में लागू कर दिया गया है।
इस तरह से होगा काम : एक साल में कमियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा। शिक्षकों को दिल्ली स्तर का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा अपग्रेड स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया जायेगा। इसके लिये चयनित स्कूलों के लिये अलग से बजट भी होगा। इतना ही नहीं पढ़ाने के लिये पृथक से शिक्षकों की तैनाती भी की जायेगी।
अपग्रेड होने वाले स्कूल : सूत्रों ने बताया कि इसके लिये प्रदेश में 1000 स्कूलों का चयन किया गया है। इन शालाओं में जबलपुर संभाग की 140 शालाएं हैं। सिवनी जिले की कितनी शालाएं इसके तहत आयेंगी इस बारे में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस बारे में अब तक न तो उन्हें कोई जानकारी है और न ही शासन स्तर पर कोई पत्र ही उन्हें मिला है।
संभाग में 140 स्कूल चिह्नित : इसके लिये जबलपुर संभाग से 140 स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इसमें जबलपुर जिले के 25 स्कूल हैं। ये वे बड़े स्कूल हैं जिनमें छात्र संख्या 500 से अधिक है। योजना के तहत ही सीबीएसई पैटर्न से जुड़े स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था जाँचने, स्कूलों में कमियों की रिपोर्ट विभाग द्वारा तैयार करनी आरंभ कर दी गयी है।
शिक्षक हो चुके ट्रेंड : विदित हो कि एनसीईआरटी सिलेबस और पढ़ाने के तरीकों को लेकर पिछले साल शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। नौवीं एवं 11वीं के विज्ञान एवं अंग्रेजी समूह के शिक्षकों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है। कुछ कक्षाओं में एनसीईआरटी की किताबों को भी लागू किया गया है।
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