गुरूजियों को 20 साल बाद भी नहीं मिली क्रमोन्नति
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। बीस साल से क्रमोन्नति का इंतजार कर रहे गुरूजियों में अब आक्रोश खदबदाने लगा है।
शिक्षा गारंटी स्कीम जिसने गरीब, घुमन्तु, कामकाजी परिवारों के बच्चो के लिए दुर्गम, पहुंच विहीन स्थानों और शिक्षा रूपी दीप प्रज्वलित किया है लेकिन उस स्कीम में कर्णधार की भूमिका का निर्वहन अल्प मानदेय पर करने वाले गुरुजी निरन्तर 20 वर्षाे से कार्य करने के बाद भी आज भी 12 वर्ष की प्रथम क्रमोन्नति को तरस रहे हैं। अंदर ही अंदर भोपाल में बड़े आंदोलन की और रुख करने को मजबूर हो रहे है।
गुरूजी संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश मीडिया प्रभारी जगदीश मण्डलोई ने बताया कि जिस सरकार ने 1996 से 2002 के अंदर उनकी नियुक्ति की थी उसके सत्ता में आने पर उन्हें पूरी उम्मीद आस थी की सरकार उन्हें तत्काल वरियता का लाभ देगी लेकिन लोक सभा चुनाव की आचार सहिता ने उन्हें पुनः मायूस कर दिया।
गुरुजी अपने विषय में यब निम्न मॉगे पूरी करने पर अड़ा हुआ है। जबकि सरकार के आला अधिकारियों ने 01,05,19 को आदेश जारी कर उसकी वरियता का निर्धारण सविदा शिक्षक समान प्रथम नियुक्ति लाभ देने के निर्देश दिए है। उसमे भी गुरुजी की वरीयता को व्यापम परीक्षा उतीर्ण 2008, 2011 और बिना व्यापम पास को 2014 से वरियता देने की बात कही गयी है। जिससे गुरुजी अपने साथ हुआ अन्याय और पुनः छल बता रहे है।
यदि सरकार गुरुजी को संविदा सेवा शर्त से प्रथम नियुक्ति का लाभ देती है तो उसमे भी पेंच फंस रहा क्योंकि संविदा नियुक्ति सेवा शर्त में जब से वे डीएड करेगे तब से सहायक अध्यापक बनेगे जबकि गुरुजी अधिकतर 2002-3 से 2007-08 तक ही डीएड कर चुके तो क्या उन्हें डीएड वर्ष से सहायक अध्यपक का लाभ देगी समझ से परे है।
जुलाई 2003 से गुरुजी को सविदा शिक्षक वर्ग 3 के बराबर मानदेय दिया गया लेकिन सरकार ने उनका पदनाम नही बदला यही भी विचित्र स्थिति भी उनके साथ बनी है।

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