साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ करकरे के पूर्व सहयोगी ने किया नामांकन

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुंबई पुलिस के दिवंगत एटीएस चीफ हेमंत करकरे की कथित रूप से छवि खराब करने से उनके एक पूर्व सहयोगी काफी आहत हैं। उन्होंने भोपाल सीट से बीजेपी कैंडिडेट साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

मुंबई पुलिस के रिटायर्ड असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (एसीपी) रियाज देशमुख ने मंगलवार को भोपाल से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना पर्चा दाखिल किया। भोपाल सीट पर पांचवें चरण में 12 मई को मतदान है।

एक अखबार से बातचीत में रियाज देशमुख ने कहा, ‘जैसे ही प्रज्ञा की उम्मीदवारी का फैसला हुआ तभी मैंने उनके खिलाफ लड़ने का मन बना लिया था, क्योंकि मैं किसी को महाराष्ट्र पुलिस के सबसे बेहतरीन और ईमानदार अधिकारियों में से एक को बदनाम करते नहीं देख सकता था। करकरे ने सभी पेशेवर मामलों में मेरा मार्गदर्शन किया था और वह हमेशा मेरे साथ खड़े रहते थे।

2008 के मालेगांव बम धमाकों में आरोपी साध्वी प्रज्ञा 2017 में जमानत मिलने से पहले 9 साल जेल में काट चुकी थीं। स्वास्थ्य आधार पर उन्हें कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश न होने की छूट मिली हुई है।

कौन हैं रियाज देशमुख

2016 में महाराष्ट्र के अमरावती से एसीपी के पद पर रहते हुए रियाज रिटायर हुए थे। वह पिछले तीन साल से औरंगाबाद में रहते हैं। उन्होंने तीन दशक से ज्यादा समय तक पुलिस फोर्स को अपनी सेवाएं दी हैं। रिटायरमेंट के वक्त वह अमरावती में क्राइम ब्रांच के मुखिया थे। इसके पहले वह अमरावती में ही क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर थे।

रिटायर होने के बाद रियाज ने औरंगाबाद में एक वेब पोर्टल शुरू किया। इसके साथ ही नागरिकों और पुलिसकर्मियों को कानूनी मामलों में परामर्श के लिए वह काउंसलिंग सेवा भी मुहैया कराते हैं। 1986 बैच के सब-इंस्पेक्टर देशमुख अकोला में 9 साल तक तैनात रहे। इसी दौरान वह करकरे के संपर्क में आए। 1988 में करकरे अकोला के एसपी के पद पर कार्यरत थे। देशमुख उस वक्त वाशिम पुलिस थाने के प्रमुख थे, जो अब भी अकोला जिले का हिस्सा है। मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के दौरान करकरे शहीद हो गए थे। इससे पहले भी देशमुख करकरे के संपर्क में रहे थे।