कर्जमाफी को लेकर शिवराज कर रहे गलत बयानी

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा नहीं चाहिए शिवराज का प्रमाण पत्र

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नसीहत देते हुए कहा है कि वह बजट का ज्ञान हमें न सिखाएं। हमने बहुत बजट बनाएं हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज की कर्जमाफी को लेकर कही गई एक-एक बात झूठी है। कर्ज माफी की हकीकत सामने लाने के लिए आगे आया हूं। मैं देर से बोलता हूं, कम बोलता हूं, लेकिन झूठ नहीं बोलता हूं।

दरअसल, मंगलवार की सुबह शिवराज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमल नाथ सरकार पर कर्ज माफ नहीं करने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि कमल नाथ ने उन्हें कृषि विभाग की सूचियां भेजी हैं, जबकि कर्ज तो बैंक माफ करते हैं। इससे पहले सुबह कांग्रेसियों ने  21 लाख किसानों के कर्जमाफी के दस्तावेजों का बंडल शिवराज सिंह को उनके निवास पर बतौर सबूत सौंपा था।

इसके बाद कमल नाथ ने अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा- शिवराज सफेद झूठ परोस रहे हैं। वह राहुल गांधी का वीडियो दिखाते हुए कह रहे हैं- 10 दिन में कर्जा माफ कर देंगे। शिवराज प्रदेश के इतने साल मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्हें इतनी जानकारी तो होनी चाहिए कि 10 दिन में कर्जा माफ करने का मतलब क्या होता है।

कर्जमाफी की एक प्रक्रिया होती है : शिवराज सिंह को बुनियादी बात समझनी चाहिए। हमने किसानों के आवेदन मंगाए, हरा सफेद और गुलाबी। इन्हें 15 जनवरी से फार्म भरवाए, जबकि 25 दिसंबर को सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हुआ था। 50 लाख किसानों के कर्ज माफी के दायरे में आए।

आपने कहा कि इसमें आचार संहिता के पहले 21 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया। हमने 10 दिन नहीं, बल्कि दो घंटे में माफ कर दिया। इसकी सारी जानकारी कृषि विभाग के पोर्टल पर है, अगर शिवराज सिंह को पोर्टल देखना आता हो तो उन्हें पोर्टल देख लेना चाहिए।

शिवराज का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए : कर्जामाफी के लिए 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान मार्च में किया गया है, इसके बाद आचार संहिता लग गई थी। अगले बजट में देखिएगा, कितना होगा प्रावधान। एक सवाल में पूछा गया कि 48 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ करने की बात बात है, लेकिन प्रावधान सिर्फ 1300 करोड़ रुपए ही। कमल नाथ ने कहा कि शिवराज हमें बजट बनाना न सिखाएं, बहुत बजट बनाएं हैं। मुझे किसानों का सर्टिफिकेट चाहिए। शिवराज सिंह का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

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