(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। खटलापुरा में गणेश विसर्जन के दौरान नाव के डूबने के बाद जैसे चीख पुकार मची थी और लोग बचाने की गुहार लगा रहे थे। लेकिन प्रशासन का कोई नुमाइंदा बचाने के लिए नहीं आया। तालाब से बाहर बैठे नितिन बाथम ने फरिश्ता बनकर छह लोगों की जानें बचाई। खासबात ये है कि इनमें से चार लोग ऐसे थे जिन्हें तैरना नहीं आता था। जबकि दो लोगों को तैरना आता था।
खटलापुरा में गणेश विसर्जन के दौरान नाव के डूबते वक्त चीख पुकार मची थी और लोग बचाने की गुहार लगा रहे थे। प्रशासन का कोई नुमाइंदा भले ही उन्हें बचाने के लिए नहीं आया, लेकिन तालाब के बाहर बैठे नितिन बाथम ने फरिश्ता बनकर छह लोगों की जानें बचाई। खास बात ये है कि इनमें से चार लोग ऐसे थे जिन्हें तैरना नहीं आता था। जबकि दो लोगों को तैरना आता था।
नितिन ने बताया कि मैं बाहर बैठा था, जैसे ही लोग डूबने लगे मैं नाव लेकर पहुंच गया। करीब छह लोग मेरी नाव में बैठे। इनमें से एक को तैरना नहीं आता था। वे सब बेहद डरे-सहमे हुए थे। छह लोगों को नितिन बाथम तालाब के किनारे लेकर आए। उन्होंने बताया कि मैं बेरोजगार हूं और अकसर यहीं बैठा रहता हूं। हादसे के दौरान भी तालाब के किनारे बैठा था। लोगों को डूबते देख तुरंत नाव लेकर पहुंचा और छटपटा रहे युवक मेरी नाव में सवार हुए।