इंदौर एयरपोर्ट से मेट्रो द्वारा सीधे महाकाल दर्शन के लिए पहुंचेंगे लोग

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

इंदौर (साई)। शहर में मेट्रो रेल परियोजना (Metro Rail Project) के शिलान्यास के मौके पर शनिवार को राज्य सरकार ने भविष्य का सपना भी दिखा दिया। यह सपना है कि इंदौर से मेट्रो ट्रेन सांवेर, उज्जैन, देवास और पीथमपुर तक चलाई जाएगी।

इंदौर से उज्जैन के लिए एक कॉरिडोर बनाया जाएगा जिसे महाकाल कॉरिडोर नाम दिया जाएगा। मेट्रो का यह विस्तार भविष्य की योजना है जिस पर फिलहाल सरकार फिजिबिलिटी सर्वे करवा रही है।

नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह (Minister Jayawardhan Singh) ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि बाहर से आने वाले लोग एयरपोर्ट पर उतरें और वहीं से मेट्रो रेल के जरिए महाकाल दर्शन (Mahakal Darshan) के लिए उज्जैन जाएं। मेट्रो ट्रेन से उज्जैन, देवास, इंदौर का मेट्रोपॉलिटन एरिया भी कवर होगा। हमारी सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। मेट्रो के विस्तार के लिए सर्वे करेंगे और फिर डीपीआर बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री का आदेश है कि मेट्रो का काम उसी गति से चलना चाहिए जिस गति से मेट्रो शहर में दौड़ेगी। इंदौर के लिए यह शुभ बात है कि मेट्रो रेल परियोजना में यहां का हर विधानसभा क्षेत्र कुछ न कुछ कवर किया जा रहा है।

मेट्रो प्रोजेक्ट के शिलान्यास के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर और भोपाल में बढ़ते शहरीकरण पर भी चिंता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि इंदौर में बढ़ती आबादी को संभालने की क्षमता अब खत्म हो रही है। ऐसे में हमें शहर को विस्तार देने की जरूरत है। शनिवार को सबसे पहले एमआर-10 ब्रिज के पास कुमेड़ी में मुख्यमंत्री ने मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास किया। नगरीय विकास और आवास मंत्री जयवर्धनसिंह, गृह मंत्री बाला बच्चन, लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, सांसद शंकर लालवानी सहित कई जनप्रतिनिधि और मेट्रो अधिकारी मौजूद थे। यहां मंत्रोच्चार और पूजन के साथ मुख्यमंत्री ने मेट्रो परियोजना का शिलान्यास किया। इसके बाद ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्य कार्यक्रम हुआ।

वहां मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मेट्रो रेल परियोजना के शिलान्यास के साथ मध्यप्रदेश में नया इतिहास बनने जा रहा है। मुझसे किसी ने पूछा कि मेट्रो की क्या जरूरत है? तो मैंने कहा कि आज जिस तरह से इंदौर और भोपाल की आबादी बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमारे सामने यह चुनौती है कि इंदौर को हम कैसे बचाएं, कैसे सुंदर शहर बनाए रखेंगे? हर शहर की आबादी को ढोने की एक क्षमता होती है।

इसे देखते हुए लग रहा है कि इंदौर जैसे शहरों की केयरिंग कैपिसिटी खत्म हो चुकी है। इसे फैलाना पड़ेगा। सोचिए यदि दिल्ली का विस्तार नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद तक नहीं होता तो दिल्ली का क्या हाल होता? नवी मुंबई और ठाणे का विकास नहीं किया जाता तो मुंबई की हालत भी क्या होती? इसलिए हमें भविष्य की योजना बनाना है।

आने वाले 5-10 साल बाद हम इंदौर और भोपाल को कैसा देखना चाहते हैं। इंदौर के आसपास हम मेट्रोपॉलिटन एरिया बना रहे हैं। इसमें इंदौर नगर निगम के अलावा राऊ, देवास, धार का कुछ हिस्सा भी जुड़ सकता है। पर इससे पहले हमें इन जगहों तक आवागमन के बेहतर साधन और अन्य सुविधाएं देनी होंगी। मेट्रो रेल परियोजना के लिए मैंने नगरीय विकास मंत्री जयवर्धनसिंह को समय सीमा दी है। परियोजना के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

इससे पहले नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी संजय दुबे ने इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट का संक्षिप्त ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि मेट्रो का पहला चरण एक रिंग के रूप में रहेगा जिसमें शहर की विरासत, आईएसबीटी, एयरपोर्ट और हाईकोर्ट से कनेक्टिविटी दी गई है। स्टेशनों का डिजाइन ऐसा किया जा रहा है ताकि इसमें आने-जाने में बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों को भी सुविधा हो। कार्यक्रम को अन्य मंत्रियों ने भी संबोधित किया।

इस दौरान संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, नगर निगम आयुक्त आशीषसिंह, मेट्रो रेल कंपनी के अतिरिक्त प्रबंध संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह, तकनीकी डायरेक्टर जितेंद्र दुबे, शोभा खन्न्ा, विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल,सदाशिव यादव, विनय बाकलीवाल सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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