रेलवे स्टेशन में एकल उपयोग प्लास्टिक 2 अक्टूबर से पूर्णतः प्रतिबंध

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। जबलपुर सहित देश भर के बड़े और छोटे रेलवे स्टेशनों, स्टेशन परिसर में प्लास्टिक और पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल पर फौरन हर संभव रोक लगाने के निर्देश रेलवे बोर्ड ने दिए हैं।

बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि 2 अक्टूबर तक रेलवे को प्लास्टिक से बने सामानों पर नियमों के तहत पूरी पाबंदी लगानी है। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के दिन सभी रेल कर्मियों को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी।

रेलवे में एकल उपयोग प्लास्टिक यानी एक बार उपयोग कर फेंक देने वाले प्लास्टिक पदार्थ और उनसे बनी सामग्री पर तुरंत प्रभाव से पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसमें रेलवे के सभी वेंडर्स को प्लास्टिक के कैरी बैग का इस्तेमाल बंद करने लिए जागरूक करने को कहा गया है। रेलवे के सभी स्टाफ को प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए जागरूक करने के कहा गया है। इसके लिए दोबारा इस्तेमाल में आने वाला पर्यावरण के अनुकूल बैग का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। जबलपुर रेलवे स्टेशन में इसके लिए जगह-जगह सूचनाएं भी दिवालों में चिपकाई गई हैं।

हर स्टेशन में लगेगी मशीनः

प्लास्टिक बोतलों को इस्तेमाल के बाद वापस इकट्ठा कर उनको तोड़ने के लिए जबलपुर में पहले से ही मशीनें लगी हैं। अब ऐसी ही मशीनें हर स्टेशन में लगाए जाने की योजना रेलवे बना रहा है। रेल बोर्ड ने कहा है कि इस तरह के कूड़े को इकट्ठा करना भी बोतल बनाने वालों की जिम्मेदारी है। प्लास्टिक बोतल तोड़ने वाली ऐसी मशीनों को बड़ी संख्या में इस्तेमाल करने रेल बोर्ड ने कहा है ताकि कहीं भी खाली बोतलें न दिखें।

मानक के तहत हो कामः

दरअसल रेल बोर्ड ने भी यह माना है कि भारतीय रेल को कचरा उत्पादक के तौर पर जाना जाता रहा है। इसलिए इसे समाप्त करने के लिए पॉलीथिन व प्लास्टिक के 2016 में जो नियम बने थे उन्हे फौरन लागू किया जा रहा है। बार-बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक बैग 50 माइक्रोन्स से कम के नहीं होने चाहिए। इसलिए रेलवे हर किसी को प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान की जानकारी और चेतावनी भी दे रहा है।