आठ माह में 159 केस
(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। उम्र महज 16-17 साल। अभी शादी भी नहीं हुई, लेकिन अनैतिक संबंधों ने उन्हें गर्भवती बना दिया है। परिजन व समाज से मुंह छिपाने के लिए गर्भपात का रास्ता अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इंदौर जिले में आठ महीने में ऐसे 159 केस सामने आए हैं, जिनमें अविवाहित लड़कियां गर्भवती हुई हैं जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इसमें सर्वाधिक 103 मामले इंदौर के हैं। अकेले अगस्त महीने में ही ऐसे 12 केस पता चले हैं। कुछ मामले उज्जैन, देवास, धार, शाजापुर व पीथमपुर के भी हैं।
गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) के तहत सोनोग्राफी केंद्रों की ऑनलाइन रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है। जब जिला स्तरीय निगरानी समिति ने जनवरी से अगस्त, 2019 तक की सोनोग्राफी की छंटनी की तो यह स्थिति सामने आई।
हर दिन एक गर्भपात
अधिकारियों का आकलन के अनुसार, शहर में हर दिन औसतन कम से कम एक गर्भपात हो रहा है।
जिले में चलेगा अभियान
– हर शासकीय और निजी महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिससे वे भटकाव के रास्ते पर जाने से बचें।
– छात्राओं को समझाया जाएगा कि शादी से पहले उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए तो मानसिक और शारीरिक रूप से कई मुश्किलें खड़ी होने का खतरा है।
इस साल के मामले…
– 8 हजार से अधिक गर्भपात हुए
– 12 से लेकर 20 सप्ताह के गर्भ के 226 मामले हैं।
– जिनमें शिशु का लिंग परीक्षण कर गर्भपात कराने की आशंका है।
– मामलों में सोनोग्राफी सेंटर के डॉक्टरों ने बहुत होशियारी से काम किया होगा, इसलिए पीसीपीएनडीटी निगरानी कमेटी चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एमटीपी एक्ट के अनुसार)
‘हमारी लाड़ली‘ ने दिखाया आईना
पीसीपीएनडीटी की जिला स्तरीय निगरानी समिति के पास हर सोनोग्राफी सेंटर में होने वाली सोनोग्राफी की जानकारी फॉर्म-एफ के जरिए आ रही है। समिति के पास ‘हमारी लाड़ली‘ वेबसाइट पर यह जानकारी ऑनलाइन हो रही है। प्रशासन ने पांच साल पहले एक्टिव ट्रैकर डिवाइस के जरिए ऑनलाइन निगरानी सिस्टम शुरू किया था। सोनोग्राफी के लिए भरे जाने वाले फॉर्म-एफ में सोनोग्राफी कराने वाली महिला का नाम, पता, उम्र, फोटो व किस कारण से सोनोग्राफी कराई जा रही है, आदि जानकारियां शामिल होती हैं। हर अल्ट्रा साउंड मशीन में यह ट्रैकर डिवाइस सेटटॉप बॉक्स की तरह लगाया हुआ है। जैसे ही मशीन शुरू होती है, यह डिवाइस भी काम करने लगता है। डिवाइस सोनोग्राफी मशीन में होने वाले हर काम की वीडियो रिकॉर्डिंग करता है।