जबलपुर की यह तोप विदेशों में गरजेंगी

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। देश के साथ विदेशी सेना की ताकत बढ़ाने की दिशा में गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) कदम बढ़ाने की तैयारी में है। वह अपने उत्पादों का निर्यात करेगी।

इन उत्पादों में लाइट फील्ड गन (एलएफजी), 81 एमएम मोर्टार, अपग्रेड एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन आदि शामिल है। इसकी योजना पर काम शुरू हो रहा है। क्योकि आयुध निर्माणी बोर्ड भी चाहता है कि अब आयुध निर्माणियां विदेशों में भी अपने उत्पादों का परचम लहराएं ताकि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता का पता लग सके।

आयुध निर्माणी बोर्ड ने देश की आयुध निर्माणियों में बने करीब 265 करोड़ रुपए मूल्य के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया है। इसी तारतम्य में जीसीएफ भी प्रयास में जुट गया है। इसके लिए अतिरिक्त क्षमताएं भी विकसित की जा रही हैं। जीसीएफ में कुछ समय के बाद अपग्रेड एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन का उत्पादन शुरू होना है। इसके लिए प्रोडक्शन लाइन को पुन: शुरू किया जा रहा है। इनका व्यापक मात्रा में उत्पादन भी होना है। यह अपने आप में विशेष प्रकार की गन है। इसकी सेना में अच्छी खासी मांग है। विदेशी सेना भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकती है।

मोर्टार की बहुत मांग

मोर्टार छोटे हथियारों में शामिल है। इसका उत्पादन आमतौर पर कम देश ही करते हैं। इसलिए जीसीएफ इस प्रोडक्ट पर ध्यान दे रहा है। यहां 120 एमएम, 81 एमएम और 51 एमएम मोर्टार का उत्पादन किया जाता रहा है। 51 एमएम मोर्टार और 120 एमएम मोर्टार का उत्पादन यहां बंद है। इसमें इस साल 120 एमएम मोर्टार का उत्पादन शुरू किया जाएगा। इसी तरह 81 एमएम मोर्टार को निर्यात के इरादे से भी बनाया जाएगा। इसी प्रकार की 17 किमी तक मार करने वाली 105 एमएम एलएफजी की मांग रहती है ।क्योंकि यह गन हल्की है। इसे मोर्चे पर करना आसान होता है।