(शरद खरे)
जिलों में पेट्रोल पंप की जाँच का काम खाद्य विभाग के जिम्मे है। खा़द्य विभाग की उदासीनता के चलते जिले भर के पेट्रोल पंप से पेट्रोल और डीज़ल वाहनों के अलावा कंटेनर्स में भी भारी मात्रा में ले जाया जा रहा है। डीज़ल पेट्रोल के खुले रूप से परिवहन किये जाने से दुर्घटनाओं की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ग्रामीण अंचलों में मुख्य मार्गों पर जहाँ तहाँ टेबिल पर पेट्रोल या डीज़ल को प्लास्टिक की एक लीटर की बॉटल्स में बिकते हुए देखा जा सकता है। इस तरह खुले में पेट्रोल डीज़ल अगर बिक रहा है तो इसे नियमों की अनदेखी ही माना जायेगा। गाँव के लोग कहते हैं कि अब तक सड़क किनारे सब्जी फल फूल आदि बिकते देखा होगा पर ग्रामीण अंचलों में सड़क किनारे डीज़ल पेट्रोल बिकते आसानी से देखा जा सकता है।
ग्रामीण अंचल के लोगों का कहना है कि ग्रामीण अंचलों में गली मोहल्लों में खुले आम पेट्रोल बेचा जा रहा है। या यूँ कहें कि शहर में जगह-जगह पेट्रोल बम लगे हैं। गाँवों के रिहायशी भीड़ भाड़ वाले इलाके में खुले आम पेट्रोल डीज़ल बेचा जा रहा है। इससे किसी भी समय कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। अगर कभी हादसा हुआ तो इससे बड़ी हानि की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इस तरह से अवैध रूप से डीज़ल पेट्रोल का संग्रहण गैर कानूनी तो है ही इससे मिलावट का धंधा भी खूब फल फूल रहा है। बोतलों में बंद सड़क किनारे खुले में रखा पेट्रोल बेहद घातक साबित हो सकते हैं। छोटी सी लापरवाही या किसी की बदमाशी से तबाही मच सकती है। खास बात यह है कि इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है, बावजूद इसके अनदेखी की जा रही है।
वहीं, दो पहिया के मैकेनिकों का मानना है कि खुले में पेट्रोल बेचने वाले ज्यादा मुनाफे के लालच में थिनर मिलाते हैं। इससे गाड़ी के इंजन को भारी नुकसान होता है। माइलेज़ पर भी जबर्दस्त असर पड़ता है। गाड़ी का पिकअप और एवरेज कम हो जाता है। इसके साथ ही साथ कॉर्बाेरेटर में जल्द ही कार्बन जमता है। गाड़ी अधिक धुंआ देती है। यह धुंआ स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी हानिकारक है। ऐसे मिलावटी पेट्रोल की बिक्री पर तत्काल रोक लगाना चाहिये।
ऐसा नहीं है कि प्रशासन के कारिंदे इस अवैध काम से अन्जान हों। प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी भी रोजाना ही ग्रामीण अंचलों का भ्रमण कर अपना यात्रा भत्ता पकाते हैं। अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन रास्तों से गुजरते ही हैं जहाँ दुकानों और घरों के सामने टेबल पर पेट्रोल से भरी बोतलें रखी रहती हैं। हाल ही में अरी के बिहरोली गाँव में पुलिस ने बेचने के उद्देश्य से रखा 48 लीटर डीज़ल जप्त किया है।
संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह और जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक से जनापेक्षा है कि इस संवेदनशील मामले में ध्यान देकर इस तरह से खुले में बिकने वाले पेट्रोल डीज़ल पर रोक लगाने की दिशा में प्रयास करें।
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