मौत बांटते डंपर्स पर लगाम

 

 

(शरद खरे)

बण्डोल थाना क्षेत्र में बीते दिवस डंपर की टक्कर से पाँच साल के एक बालक का दम तोड़ देना अपने आप में झकझोरने वाली घटना माना जा सकता है। जिले भर में बेलगाम गति से वाहन दौड़ रहे हैं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। बण्डोल क्षेत्र में स्टोन क्रॅशर्स के अलावा रेत के अवैध उत्खनन में लगे वाहनों की गति वाकई लोगों को डराने के लिये पर्याप्त मानी जा सकती है।

यह राहत की बात मानी जा सकती है कि इस घटना के उपरांत संवेदनशील जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के द्वारा खुद संज्ञान लिया गया है। पुलिस अधीक्षक के द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर घटना स्थल का दौरा किया गया और बण्डोल थाना प्रभारी सहित यातायात प्रभारी को इस तरह से अंधी रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों पर अंकुश लगाने के लिये ताकीद किया।

देखा जाये तो इस तरह के निर्देश पूर्व में भी दुर्घटनाओं के उपरांत समय-समय पर दिये जाते रहे हैं। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक ठाक ही चलता है उसके बाद पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर लौट जाती है। इसके लिये इस तरह की व्यवस्था होना आवश्यक है जिसमें लंबे समय तक ये व्यवस्थाएं बनी रहें।

जिले से रोज़ाना ही हजारों की तादाद में भारी वाहन गुजरते हैं। इन भारी वाहनों में लंबे समय से परिचालक नहीं होते हैं। यह बात तीन चार सालों में जिले में हुई दुर्घटनाओं में उभरकर सामने आयी है। बिना परिचालक ट्रक को अकेला चालक कैसे चला सकता है! यह परिवहन नियमों का खुला उल्लंघन है।

इसके अलावा हाल ही में किसी अन्य वाहन का चेचिस नंबर किसी अन्य वाहन पर चस्पा कर चलाने के मामले भी प्रकाश में आये हैं। इस तरह की घटनाएं अगर जिले में हो रही हैं तो निश्चित तौर पर ये गंभीर अपराधों की श्रेणी में आयेंगी। इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए यातायात पुलिस, संबंधित थाना पुलिस और परिवहन विभाग को सघन जाँच अभियान के लिये ताकीद करना जरूरी है।

बण्डोल थाना क्षेत्र में अधिकांश स्टोन क्रॅशर्स चल रहे हैं। इस लिहाज़ से इन क्रॅशर्स में आने जाने वाले डंपर्स के अलावा जिले भर से होकर गुजरने वाले डंपर्स में स्पीड गर्वनर लगा है अथवा नहीं इस बात की जाँच भी होना आवश्यक है। जिले भर में सड़कों पर गति अवरोधकों को भी मनमाने तरीके से बना दिया गया है।

जिन स्थानों पर गति अवरोधकों की जरूरत नहीं है, वहाँ थोड़ी सी ही दूरी पर जरूरत से ज्यादा गति अवरोधक हैं तो जहाँ जरूरत है वहाँ एक भी गति अवरोधक नज़र नहीं आते हैं। शहर के अंदर ही गति अवरोधकों की ऊँचाई इतनी है कि वाहनों की बॉडी इससे टकराती नज़र आती है।

संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह और जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक से जनापेक्षा है कि इस तरह के मामलों में वे उचित कार्यवाही हेतु संबंधित महकमों को ताकीद करें ताकि जनता राहत की सांस ले सके।

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