(शरद खरे)
सिवनी जिले में कमोबेश हर स्थान से जाम लगने की खबरें आ रहीं हैं। घंसौर शहर हो या जिला मुख्यालय हर स्थान पर जाम की खबरें अखबारों की सुर्खियों में हैं। सिवनी शहर में शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी जो जाम से मुक्त होगी। पता नहीं नगर पालिका परिषद इस दिशा में ध्यान देना मुनासिब क्यों नहीं समझती है।
सिवनी शहर में बस स्टैण्ड, नेहरू रोड दुर्गा चौक, शुक्रवारी बाज़ार, महाराष्ट्र बैंक के सामने, स्टेट बैंक के सामने, कचहरी चौक, गणेश चौक, बसोड़ी मोहल्ला, दीवान महल, मठ मंदिर के आसपास, बुधवारी बाज़ार आदि स्थानों पर आये दिन जाम लगा दिख जाता है। शादी ब्याह के सीजन में उपनगरीय क्षेत्रों में बने शादी लॉन्स के सामने की पार्किंग जाम को जन्म देती हैं।
देखा जाये तो नगर पालिका परिषद को परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और लोक निर्माण विभाग के साथ बैठक कर सड़कों पर से जाम किस तरह हटाया जाये, इस बारे में विचार विमर्श किया जाना चाहिये। शहर में व्यवस्थित पार्किंग के बिना नित नये बनते व्यापारिक स्थल जाम को जन्म देते हैं।
जिला मुख्यालय में अनेक बैंक हैं जो निजि भवनों में संचालित हो रहे हैं। इन भवनों में पार्किंग न होने के कारण यहाँ आने-जाने वाले अपने वाहनों को सड़क के किनारे ही खड़ा कर देते हैं जिससे जब चाहे तब जाम की स्थिति बन जाती है। जाम में फंसकर आम जनता अपना अमूल्य समय खराब करती ही नज़र आती है।
एक बात समझ से परे ही मानी जायेगी कि नगर पालिका का दायित्व आखिर है क्या? क्या निर्माण और खरीदी ही पालिका का प्रमुख काम है? अगर नहीं तो क्या है पालिका का मुख्य काम? जाहिर है नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना ही पालिका के मुख्य कामों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर हो सकता है।
फिर क्या कारण है कि पालिका के भाजपा शासित नगर पालिका परिषद और उसके चुने हुए प्रतिनिधियों सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारी इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। शहर में जहाँ गति अवरोधकों की दरकार है वहाँ गति अवरोधक हैं नहीं और जहाँ जरूरत नहीं हैं वहाँ बड़े-बड़े गति अवरोधक लोगों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। वहीं, पालिका में विपक्ष और प्रदेश में सत्तारूढ़ काँग्रेस के नेता भी जिलाधिकारी को इस तरह ज्ञापन सौंप रहे हैं मानो वे अभी भी विपक्ष में हों!
बहरहाल, कमोबेश यही आलम शहर में लगे यातायात सिग्नल्स का है। यातायात सिग्नल्स भी लंबे समय बाद आरंभ हुए पर पूरी तरह से आरंभ नहीं माने जा सकते हैं। वर्तमान में ये यातायात सिग्नल्स बंद ही पड़े हुए हैं। नगर पालिका परिषद ने भी बंद यातायात सिग्नल्स के बारे में अपना मौन नहीं तोड़ा है।
शहर में इस तरह से जाम की स्थिति जब चाहे तब बन रही है और सांसद-विधायक भी मौन ही दिख रहे हैं। इन परिस्थितियों में संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि वे ही इस दिशा में कुछ पहल करते हुए नगर पालिका की मश्कें कसें ताकि शादी लॉन्स के साथ ही साथ शहर की अन्य सड़कों पर लग रहे जाम से लोग निज़ात पा सकें।

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