विधायकों का पत्र : घुटनों पर अधिकारी!

 

 

0 कंपनियों के ब्रांड एंबेसेडर बने . . . 03

जो किसान कंपनी विशेष का माल नहीं खरीदेंगे उनके खातों में पुनः डाल दी जायेगी राशि!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। आदिवासी परियोजना के अंतर्गत किसानों को सरकारी इमदाद से दिये जाने वाले मोटर पंप और पाईप्स का मामला गहराता जा रहा है। जनजाति कार्य विभाग के द्वारा एमपी एग्रो को इसके लिये एजेंसी बनाया गया है। एमपी एग्रो के अधिकारी संभवतः विधायकों के दबाव में येन केन प्रकरणेन उन्हीं ब्रांडेड कंपनियों की सामग्री किसानों को थमाने की जुगत में दिख रहे हैं जिनकी अनुशंसा काँग्रेस के विधायकों ने की है।

एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक अशोक नेमा ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लखनादौन विधायक योगेंद्र सिंह और बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया के द्वारा वरूणा कंपनी की मोटर और कोठारी कंपनी के पाईप किसानों को प्रदाय करने की अनुशंसा सहित पत्र दिया गया था।

उन्होंने आगे बताया कि विधायकों के द्वारा अपने पत्र में क्षेत्र के किसानों ने इस तरह की माँग किये जाने की बात कही है, पर विधायकद्वय के द्वारा यह बात नहीं बतायी गयी है कि उनके क्षेत्र के किन ग्रामों के किन-किन किसानों के द्वारा इस तरह की माँग रखी गयी है कि उन्हें इन कंपनियों पर ही भरोसा है।

अशोक नेमा कहते हैं कि मूलतः यह योजना जनजाति कार्य विभाग की है। एमपी एग्रो को तो महज़ एजेंसी बनाया गया है। उनसे जब यह पूछा गया कि किसानों के खातों में राशि डाले जाने के बाद राशि वापस क्यों ली गयी? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि 2015 – 2016 में भी किसानों के खातों में पैसे डाले गये थे।

एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक अशोक नेमा का कहना था कि इस साल किसानों ने खाते से राशि तो निकाली पर अनेक किसानों के द्वारा मोटर खरीदने की बजाय फर्जी बिल दिखा दिये गये थे। इसलिये इस साल किसानों के खातों में राशि डालने के बाद निकाली गयी है।

उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को कंपनी विशेष की मोटर या पाईप खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा रहा है। जो भी किसान वरूणा और कोठारी कपंनी की सामग्री चाहेगा उन्हें सामग्री प्रदाय कर दी जायेगी, शेष किसानों के खाते में वापस रकम डाल दी जायेगी ताकि किसान अपनी मर्जी से सामग्री खरीद सकें।

उनसे जब यह पूछा गया कि सभी किसानों के खातों में राशि क्यों नहीं डाल दी जाती है। जो किसान इन विधायकों के द्वारा सुझायी गयी कंपनी की सामग्री खरीदना चाहेगा वह इस कंपनी की खरीदेगा और जिसे दूसरी कंपनी की खरीदना होगा, वह दूसरी कंपनी की खरीद सकता है।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि बरघाट के काँग्रेसी विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया और लखनादौन के योगेंद्र सिंह के द्वारा दो कंपनियों का माल किसानों को खरीदने की बात लिखित रूप में कही गयी थी। इसके बाद एमपी एग्रो भी इन्हीं दोनों कंपनियों के माल को खरीदने की बात परोक्ष रूप से करता दिख रहा है। जाहिर है भोले भाले किसानों के द्वारा एमपी एग्रो के सुझाये नाम का विरोध नहीं किया जायेगा और किसानों को मजबूरी में इन्हीं कंपनियों की सामग्री खरीदना पड़ेगा।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि सिवनी विधायक दिनेश राय और केवलारी विधायक राकेश पाल सिंह के द्वारा किसी कंपनी की अनुशंसा नहीं की गयी है। इस पूरे मामले में जिला काँग्रेस कमेटी का मौन भी समझ से परे ही नज़र आ रहा है। जिला भाजपा सदा की तरह ही इस मामले में अभी तक मौन ही नज़र आ रही है।

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