(शरद खरे)
यह वाकई दुःखद ही माना जायेगा कि नगर पालिका परिषद के द्वारा तीज त्यौहारों पर ही नागरिकों को प्यासा रखा जाता है। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा इस बार धुरैड़ी पर आंशिक जलापूर्ति की सूचना समाचार माध्यमों के जरिये सार्वजनिक की गयी थी।
देखा जाये तो धुरैड़ी रंगों का त्यौहार है। इस दिन लोग आपसी बैर भुलाकर एक दूसरे के ऊपर रंग गुलाल लगाकर परंपरागत उल्लास और शालीनता के साथ होली का त्यौहार मनाते हैं। रंगों में सराबोर होने के बाद पानी की कितनी आवश्यकता होती है यह बात किसी से छुपी नहीं है। ऐसी स्थिति में अगर पानी ही न हो तो क्या होगा!
नगर पालिका परिषद के द्वारा होलिका दहन के दिन समाचार माध्यमों के जरिये इस सूचना को सार्वजनिक किया गया था कि घुरैड़ी के दिन आंशिक जलापूर्ति होगी एवं नागरिक एक दिन का पानी बचाकर रखें। लोगों ने जब इस सूचना को पढ़ा होगा तब तक तो नल आने का समय बीत चुका होगा। सिवनी में सुबह के समय ही नल आते हैं और नलों के आने के उपरांत ही समाचार पत्रों का वितरण किया जाता है।
जिला प्रशासन सहित जिले के चारों विधायकों को भी इस बात का भान हुआ होगा कि भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा किस संजीदगी के साथ नवीन जलावर्धन योजना का काम कराया जा रहा है। चार साल विलंब से चल रही इस योजना के पूर्ण होने के अभी भी आसार नहीं दिख रहे हैं।
यक्ष प्रश्न यही खड़ा दिख रहा है कि आखिर नवीन जलावर्धन योजना के ठेकेदार में क्या सुरखाब के पर जड़े हैं जो कोई भी इस ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने से कतरा रहा है। देखा जाये तो यह किसी के घर पर नल की फिटिंग नहीं हो रही है। यह जनता के गाढ़े पसीने की कमाई से संचित राजस्व से बनने वाली सार्वजनिक योजना है।
सार्वजनिक योजनाओं में जवाबदेही और समय सीमा तय होती है। नगर पालिका परिषद जनता के द्वारा चुनी गयी है। उसे नागरिकों की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिये न कि ठेकेदार के दरवाजे पर जाकर कत्थक करना चाहिये। हालात देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि ठेकेदार शुरूआती दौर से ही मनमानी कर रहा है और जनता के चुने हुए नुमाईंदे मौन साधे बैठे हैं।
तत्कालीन निर्दलीय एवं वर्तमान भाजपा के विधायक दिनेश राय के द्वारा इस योजना को पूरा करने की मियाद समाप्त हुए 391 दिन बीत चुके हैं। मजे की बात तो यह है कि जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा इस योजना को आरंभ करने की तय की गयी समय सीमा को भी अब 25 दिन बीत चुके हैं, पर नागरिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अगर नवीन जलावर्धन योजना समय पर पूरी कर ली जाती तो निश्चित तौर पर इस तरह की विषम परिस्थितियां निर्मित नहीं हो पातीं। अभी भी समय है इस योजना में ठेकेदार को अब तक जितना भी भुगतान किया गया है उस भुगतान करने वाले अधिकारी से इस योजना की पूरी लागत वसूल की जाकर इसे सही तरीके से बनवाया जाये, वरना सालों साल तक सिवनी के नागरिकों के लिये यह योजना आये दिन संकट का कारण बनती नजर आयेगी!
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