मॉडल रोड हुई प्राथमिकता से बाहर!

 

 

न अतिक्रमण हटा, न लाईट जली, न ही डिवाईडर पर दिख रही हरियाली

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा सिवनी की मॉडल रोड को मानो बिसार ही दिया गया है। इस सड़क को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। आलम यह है कि सड़क से न तो अतिक्रमण हटा है, न ही सड़क के बीचों बीच लाईट जल रही है और तो और डिवाईडर पर हरियाली तक भी नहीं दिख रही है।

ज्यारत नाके से लेकर नागपुर नाके तक के मॉडल रोड के हिस्से का निर्माण सालों से जारी है। लोगों का कहना है कि यह सड़क बीरबल की खिचड़ी बनकर रह गयी है। इस सड़क से होकर रोजाना ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों सहित जन प्रतिनिधि गुजर रहे हैं पर किसी को भी इसकी परवाह नजर नहीं आ रही है।

इस सड़क पर बस स्टैण्ड से लेकर छिंदवाड़ा नाके तक अतिक्रमण बुरी तरह बजबजा रहा है। शहर के बीच बनी इस सड़क पर दुनिया के आठवें अजूबे के रूप में कहीं चार फीट तो कहीं महज दो इंच के डिवाईडर बने हुए हैं। जिसका जहाँ जैसा मन हुआ वहाँ वैसा निर्माण करवा दिया गया है।

सड़क पर दोनों ओर दुकानदारों ने कब्जा जमाया हुआ है तो यात्री बस सहित यात्री वाहनों के द्वारा सड़क पर ही खड़े होकर सवारियां भरी जा रही हैं, जिससे यातायात बाधित हुए बिना नहीं है। पालिका के द्वारा बीच – बीच में एकाध दिन के लिये अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया जाता है

इस सड़क पर डिवाईडर्स पर बिजली के खंबे भी काफी विलंब से खड़े कराये गये हैं। इन खंबों पर लाईट की व्यवस्था नहीं किये जाने से यहाँ दुर्घटना की आशंका सदा ही बनी रहती है। पूर्व में तत्कालीन मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनाशीर्वाद यात्रा के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था कर लाईट लगायी गयी थी।

नागपुर रोड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से छिंदवाड़ा चौक, शंकर मढ़िया, बस स्टैण्ड, कचहरी चौक होते हुए ज्यारत तक शहर के मुख्य मार्ग के रोड डिवाईडर इन दिनों उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। एक तो अलग – अलग प्रकार के रोड डिवाईडर बने हैं उसमें भी कहीं – कहीं दुकानदारों का सामान, कबाड़, रखा है तो कहीं सूख रहे पौधों को पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।

इन डिवाईडर्स पर जगह – जगह खरपतवार ऊग चुकी है तो यहाँ लगाये गये पौधे पानी न मिलने के कारण सूख चुके हैं। यहाँ दुकानदारों के द्वारा अपनी – अपनी दुकानों से निकले कबाड़ को फेंक दिया जाता है। इतना ही नहीं यहाँ प्लास्टिक के पाऊच, डिस्पोजेबल ग्लासेस और शराब की बोलतें भी पड़ी दिख जाती हैं।

इसी तरह दलसागर तालाब के सामने से लेकर कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल, ज्यारत के डिवाईडर भी भगवान भरोसे ही माने जा सकते हैं। यहाँ लगे पौधों को नियमित रूप से पानी नहीं मिल रहा है जिसके चलते पौधे सूख रहे हैं। वहीं डिवाईडरों के अनेक स्थानों पर नियमित रूप से साफ – सफाई नहीं की जा रही है।