(शरद खरे)
स्थानांतरित जिला पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को सिवनी में काम करने के लिये महज छः माह का समय ही मिल पाया है। उन्हें कटनी स्थानांतरित किया गया है। कटनी जिला संयुक्त मध्य प्रदेश के विघटन के उपरांत अस्तित्व में आया था। इसके पहले कटनी मूलतः जबलपुर जिले की सबसे बड़ी तहसील और व्यवसायिक केंद्र के रूप में जाना जाता था।
विधान सभा चुनावों के पूर्व ही ललित शाक्यवार की पदस्थापना सिवनी की गयी थी। सिवनी में पदस्थ रहे पुलिस अधीक्षकों में विजय वाते, संजय चौधरी, राजीव श्रीवास्तव, शैलेष सिंह, संजय झा, डॉ.रमन सिंह सिकरवार और अवध किशोर पाण्डेय ही ऐसे पुलिस अधीक्षक रहे हैं जिनके कार्यकाल में पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिये इनके द्वारा प्रयास किये गये हों।
स्थानांतरित पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार अपेक्षाकृत युवा और कर्मठ पुलिस अधीक्षक के रूप में जाने जाते हैं। उनके कार्यकाल में जिला अस्पताल की लचर सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुए नवजात के चोरी के मामले को महज़ दो दिनों में सुलझा लिया गया। यह उनका मार्गदर्शन ही माना जायेगा कि नगर कोतवाल अरविंद जैन के मातहतों ने नवजात को शिवपुरी से बरामद कर रोती बिलखती माता को सौंपा।
इसके अलावा सालों से सिवनी में जुए सट्टे की खबरों से मीडिया पटा पड़ा रहता आया है। पुलिस के द्वारा अब तक महज़ रस्म अदायगी के लिये ही छोटे मोटे जुआरियों और सटोरियों को पकड़कर दस बीस हजार रूपये की जप्ति बना दी जाती थी। उन्होंने पिछले दिनों दस लाख रूपये के जुए की बड़ी फड़ को पकड़ने में सफलता हासिल की। यह जुआ सिवनी के इतिहास में सबसे बड़ी जुए की फड़ के रूप में भी सामने आया है जिसे पुलिस के द्वारा पकड़ा गया हो। वैसे इस फड़ में जप्ति से कहीं ज्यादा की रकम मौके पर होने की बातें भी कही जा रही हैं। इन बातों में कितनी सच्चाई है यह कहा नहीं जा सकता है पर अगर कहीं से बात निकलकर सामने आयी है तो इसमें कुछ न कुछ सच्चाई हो भी सकती है।
ललित शाक्यवार के कार्यकाल में जिले में लगातार हो रही चोरियों विशेषकर घंसौर थाना क्षेत्र में लगातार हुईं चोरियों पर अंकुश नहीं लग पाया। इसके अलावा किसी भी थाने में किरायेदारी के सत्यापन या मुसाफिरी दर्ज कराने के काम को भी प्राथमिकता के आधार पर नहीं कराया गया। इसी दौरान घंसौर की उप पुलिस अधीक्षक की सर्विस रिवॉल्वर की चोरी की अबूझ पहेली भी सुलझायी नहीं जा सकी।
इस छः माह के अल्प कार्यकाल में ललित शाक्यवार के द्वारा जिस तरह की कार्यप्रणाली अपनायी गयी, उसे सराहनीय माना जा सकता है। नवजात को खोजने और जुए की बड़ी फड़ पर छापा मारने के मामले में पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को लंबे समय तक सिवनी के निवासी याद रखेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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