भाजपा में सत्ता और संगठन की रार अब आती दिख रही सड़कों पर . . .

नरेंद्र मोदी करने वाले थे मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण, कार्यक्रम पूर्व की पत्रकार वार्ता से भाजपा प्रवक्ताओं ने बनाई दूरी!, भूमिपूजन में नेता नाराज थे अब दिख रहे प्रवक्ता नाराज!
(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई में सब कुछ ठीक ठाक प्रतीत नहीं हो रहा है। सिवनी जिले को दशकों बाद मिली एक बड़ी उपलब्धि को भी भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई जनता के समक्ष उचित तरीके से रखने में असफल ही दिख रही है। सिवनी के आयुर्विज्ञान कॉलेज का श्रेय लेने के चक्कर में भाजपा संगठन दो फाड़ होता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस बात को लेकर लोग मजे लेते दिख रहे हैं। यह आलम तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअली उद्याटन करने वाले हैं, और राज्यपाल मंगू भाई पटेल स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले हैं।


ज्ञातव्य है कि 05 अक्टूबर 2018 को विधान सभा चुनावों की आचार संहिता के एक दिन पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनन फानन न केवल सिवनी के मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन कर दिया, वरन भवन निर्माण के लिए तीन सौ करोड़ की घोषणा भी कर दी थी। इस भूमिपूजन कार्यक्रम से भाजपा के तत्कालीन क्षत्रपों ने पर्याप्त दूरी बनाकर रखी थी। उस दौर में इस तरह की चर्चाएं तेजी से चल रहीं थीं कि दिनेश राय को भाजपा के द्वारा अपना लिया गया है और दिनेश राय को भाजपा से सिवनी विधानसभा से टिकिट दी जा सकती है, और जो निर्दलीय अपना परचम फहरा सकता है वह भाजपा के सिंबाल से तो रिकार्ड भी बना सकता है। चर्चाएं यहां तक भी थीं कि सिवनी के नेताओं को देश प्रदेश में शिकायती नेताओं की श्रेणी में इसलिए रखा जाता था, क्योंकि किसी ने भी सिवनी के लिए कुछ मांगा तो नहीं पर सिवनी के नेताओं की शिकायतें जमकर कीं।


आपको यह याद दिला दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों की घोषणा के ठीक पहले तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 05 अक्टूबर 2018 को सिवनी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के साथ ही साथ शहर से सटे कंडीपार ग्राम में इसका भूमिपूजन भी कर दिया था। यह भूमिपूजन इसलिए भी चर्चित रहा था क्योंकि इसमें पूर्व मंत्री एवं तत्कालीन सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन, पूर्व सांसद और तत्कालीन विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर सहित भाजपा की अनेक हस्तियों ने इस भूमिपूजन कार्यक्रम का अघोषित विरोध करते हुए इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी थी। ये सभी इस कार्यक्रम में सिवनी में रहने के बाद भी शामिल नहीं हुए थे।


भाजपा के प्रदेश स्तरीय एक पदाधिकारी ने ऑफ द रिकार्ड चर्चा के दौरान समाचार एजेंसी ऑफ इडिया से कहा कि सिवनी में आर्युविज्ञान महाविद्यालय खुलना अपने आप में उपलब्धि से कम नही माना जा सकता है, पर पता नहीं क्यों जिला स्तरीय संगठन के द्वारा इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। उक्त पदाधिकारी का कहना था कि सिवनी में मेडिकल कॉलेज भले ही दिनेश राय के प्रयासों से आरंभ हुआ हो पर जिला स्तरीय संगठन को इस मामले में श्रेय एवं वर्चस्व से हटकर इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए इसे मील का पत्थर निरूपित करना चाहिए।
उक्त नेता का कहना था कि सिवनी जिले में जितनी भी सौगातें पूर्व में मिलती आईं हैं वे कांग्रेस की कद्दावर नेत्री स्व. सुश्री विमला वर्मा की ही देन मानी जा सकती हैं। उनके सक्रिय राजनीति से किनारा करते ही सिवनी जिले में उपलब्धियों का कलश पूरी तरह रीता ही माना जा सकता है। इसके बाद जो कुछ भी सिवनी को मिला है वह नीतिगत कारणों से ही मिल पाया है। लगभग तीन दशकों के बाद सिवनी की झोली में मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि आई है, जो दिनेश राय के कारण ही मिली है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सिवनी में मेडीकल कॉलेज का लोकार्पण 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्चुअली किया जाना प्रस्तावित था, जिसके लिए 28 अक्टूबर को जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था। अमूमन पत्रकार वार्ता अथवा अन्य जानकारियां भाजपा के प्रवक्ताओं के द्वारा पत्रकारों को दी जाती थी, किन्तु 28 अक्टूबर की पत्रकार वार्ता से भाजपा के प्रवक्ताओं ने भी दूरी बना ली, जिसके चलते पत्रकारों को इसकी जानकारी प्रवक्ताओं के जरिए नहीं दी गई, जो कि चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके अलावा पत्रकारों को जिस तरह मुंह देखी व्यवस्था के तहत आमंत्रित किया गया और अनेक पत्रकारों को इसकी सूचना नहीं दी गई उससे अनेक पत्रकार भी खुद को अपमानित महसूस करते दिख रहे हैं। वहीं, भाजपा के अंदरखाने में यह चर्चा भी चल रही है कि इस तरह की कवायदों को भाजपा विधायक दिनेश राय और पत्रकारों के बीच रार बढ़ाने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है।


वहीं, सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय, समाजसेवी परमानंद जैसवाल की फेसबुक वाल पर ‘कार्यक्रम एक आमंत्रण दो‘ शीर्षक से एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसका मजमून है कि क्या वाकई भोजन व्यवस्था मेडीकल कॉलेज के लोकार्पण में आलोक दुबे (भाजपा के जिलाध्यक्ष) ने की है? उधर मुनमुन के फ्लैक्स में भी यही बात कही गई है… डबल डबल भोजन व्यवस्था है क्या? और क्या दोनों के टेंट अलग अलग हैं क्या …? अगर डबल व्यवस्था हुई तो डबल मजा आयेगा….
इस तरह सत्ता और संगठन के बीच समन्वय का अभाव भी परिलक्षित हो रहा है। इस पूरे मामले में हकीकत क्या है! आखिर प्रवक्ताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी क्यों बनाई! कुछ पत्रकारों को पत्रकार वार्ता में बुलाने से परहेज क्यों किया गया! क्या वाकई भोजन की व्यवस्था भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक दुबे एवं विधायक दिनेश राय के द्वारा अलग अलग की गई है! इन सारे प्रश्नों के जवाब या तो भाजपा के जिलाध्यक्ष आलोक दुबे ही दे सकते हैं, या विधायक दिनेश राय अथवा भाजपा के प्रवक्तागण!

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